पटना : बिहार की राजधानी पटना, जो कभी अपनी स्वच्छ और ताजगी से भरी हवा के लिए मशहूर थी, अब वायु प्रदूषण के गंभीर संकट से जूझ रही है। पिछले कुछ दिनों में यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है और यह दिल्ली से भी अधिक प्रदूषित हो गया है, जिससे शहरवासियों की सेहत पर गंभीर असर पड़ने का खतरा बढ़ गया है।
पटना में वायु प्रदूषण का बढ़ता संकट
पटना के विभिन्न क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के आंकड़े चिंताजनक हो गए हैं। इको पार्क क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 309 तक पहुंच चुका है, जबकि राजा बाजार में यह 320 तक रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह, डाक बंगला क्षेत्र में भी AQI 318 के आसपास है। ये आंकड़े साफ तौर पर यह दर्शाते हैं कि पटना की हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ चुका है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी संकट गहरा सकता है।
दिल्ली से भी खतरनाक हुआ पटना का AQI
आमतौर पर दिल्ली को वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन इस बार पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। फिलहाल, दिल्ली का AQI 219 है, जबकि पटना का AQI इससे कहीं ज्यादा है, जो वायु प्रदूषण के बढ़ते खतरों को और स्पष्ट करता है। यह स्थिति न केवल पटना बल्कि बिहार के अन्य जिलों में भी वायु प्रदूषण को लेकर गंभीर चिंता का कारण बन चुकी है।
प्रदूषण का मुख्य कारण धूलकण
पटना में वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण धूलकण (Dust Particles) की अत्यधिक मात्रा है। हाल ही में किए गए शोध के अनुसार, पटना की हवा में पीएम 10 कण की मात्रा मानक से तीन गुना अधिक बढ़ गई है। वहीं, पीएम 2.5 कण की मात्रा भी मानक से चार गुना अधिक हो चुकी है। ये छोटे कण श्वसन तंत्र को सीधे प्रभावित करते हैं और अस्थमा, एलर्जी, दिल और फेफड़ों की बीमारियों जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर निगम के प्रयास
पटना नगर निगम ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं। हर सुबह और शाम को सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है, ताकि हवा में उड़ने वाली धूलकण की मात्रा को कम किया जा सके। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। फिर भी, नगर निगम की यह पहल थोड़ी देर के लिए प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
पटना के नागरिकों को सांस लेने में हो रही समस्या
पटना में बढ़ते वायु प्रदूषण का असर खासतौर पर बच्चों, वृद्धों और अस्थमा जैसी बीमारियों से पीड़ित लोगों पर पड़ रहा है। प्रदूषित हवा में सांस लेना उनके लिए कठिन हो गया है और इससे उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में, पटना के नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे मास्क पहनें और अगर संभव हो तो घर से बाहर कम ही निकलें।
जानकार बताते हैं कि पटना में बढ़ते वायु प्रदूषण ने एक गंभीर स्वास्थ्य संकट को जन्म दे दिया है। हालांकि नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन प्रदूषण में कोई विशेष कमी नहीं आई है। यदि यही स्थिति बनी रही तो पटना और इसके आस-पास के क्षेत्रों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए प्रशासन और नागरिकों को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढने की आवश्यकता है, ताकि पटना की हवा फिर से स्वच्छ और सुरक्षित हो सके।
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