रामगढ़: पतरातू थाना क्षेत्र में नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए वर्षों से एक अवैध ईंट भट्ठा का संचालन धड़ल्ले से जारी है। अब इस अवैध कारोबार में थाना प्रभारी की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। गांधीनगर, शाह कॉलोनी के निवासी मनीष कुमार ने यह आरोप लगाते हुए इस पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करते हुए जांच और कार्रवाई की मांग की है। मनीष कुमार का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के सख्त निर्देशों के बावजूद पतरातू के बरवाटोला और किरीगढ़ा इलाके में एक व्यक्ति बीते 10 वर्षों से अवैध ईंट भट्ठा का संचालन कर रहा है। इस पूरे खेल में थाना प्रभारी की मिलीभगत भी सामने आ रही है।
जांच में आरोप सही पाए गए, फिर भी कार्रवाई लटकाई गई
शिकायत पर हरकत में आए झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद ने 25 फरवरी 2025 को अवैध ईंट भट्ठों का निरीक्षण किया। जांच में शिकायतें पूरी तरह सही पाई गईं और ईंट भट्ठा संचालक के खिलाफ शो कॉज नोटिस और कानूनी कार्रवाई की सिफारिश भी की गई। यह रिपोर्ट पतरातू थाना प्रभारी को भी भेजी गई, लेकिन आरोप है कि उन्होंने इसपर कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
जांच टीम के साथ हुई बदसलूकी, थाना प्रभारी बने मूकदर्शक
शिकायत में यह भी बताया गया है कि 21 फरवरी को जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम पतरातू में जांच के लिए पहुंची, तो भट्ठा संचालक ने थाना गेट पर ही अधिकारियों से गाली-गलौज और धक्का-मुक्की की। जान से मारने की धमकी तक दी गई। घटना की लिखित सूचना देने के बावजूद पुलिस ने दस दिनों तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की और बाद में 3 मार्च को महज औपचारिक कार्रवाई करते हुए केस दर्ज किया गया।
ईंट भट्ठा की आड़ में कोयला तस्करी का बड़ा खेल
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि संचालक ईंट भट्ठा की आड़ में कोयले की तस्करी कर रहा है। 25 दिसंबर 2024 को भी इसकी शिकायत की गई थी कि टर्बो ट्रक के जरिए ईंटों के नीचे छिपाकर अवैध कोयला रांची भेजा जाता है। इसके बावजूद थाना प्रभारी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
राज्य के शीर्ष अधिकारियों को भेजी गई शिकायत
मनीष कुमार ने इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्यपाल, गृह सचिव, मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तक को दी है। उन्होंने थाना प्रभारी पर कर्तव्यहीनता, पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। अब देखना है कि इस पूरे मामले में सरकार की तरफ से क्या कदम उठाया जाता है।
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