पॉलिटिकल डेस्क/PM Caste: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर नई बहस छेड़ दी है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि पीएम मोदी का जन्म ओबीसी वर्ग में नहीं हुआ था।
वे गुजरात की तेली जाति में पैदा हुए थे। इस समुदाय को भाजपा ने साल 2000 में ओबीसी का टैग दिया था। उनका जन्म सामान्य जाति में हुआ था। केंद्र की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वे (पीएम मोदी) कभी जातीय जनगणना नहीं होने देंगे, क्योंकि उनका जन्म ओबीसी में नहीं हुआ, उनका जन्म सामान्य जाति में हुआ है।
PM Caste : राहुल गांधी का दावा लोगों को बेवकूफ बना रही भाजपा
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी की जाति को लेकर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे इसलिए पता है कि क्योंकि पीएम मोदी कभी भी गरीब, किसानों और पिछड़े वर्ग के लोगों का हाथ नहीं पकड़ते। ये सिर्फ अडाणी का हाथ पकड़ते हैं।
खुद को ओबीसी बता कर लोगों को गुमराह कर रहे पीएम
राहुल गांधी ने आगे दावा किया कि पीएम मोदी खुद को ओबीसी बताकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। वह तेली समुदाय से आते हैं, जिसे गुजरात में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 2000 में ओबीसी सूची में शामिल किया गया था।
इसलिए जन्म से मोदी जी ओबीसी नहीं हैं। राहुल ने कहा कि जब भी कोई भाजपा कार्यकर्ता आपके पास आए, तो उनसे जरूर कहें कि हमारे प्रधानमंत्री ने पूरे देश को ये कहकर गुमराह किया कि वो पिछड़े वर्ग से आते हैं। असल में वो पिछड़े वर्ग में पैदा नहीं हुए, बल्कि सामान्य जाति के हैं। ये बात आप हर भाजपा कार्यकर्ता को बताएं।
पीएम मोदी ने खुद को कहा था सबसे बड़ा ओबीसी
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने संसद में खुद को ‘सबसे बड़ा ओबीसी’ कहा था। उन्होंने कांग्रेस पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पिछड़े वर्ग के नेताओं के साथ दोहरा मापदंड अपनाती है। पीएम मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए सोमवार को कहा था कि कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार ने ओबीसी के साथ न्याय नहीं किया।
कुछ दिनों पहले ही कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया। 1970 में जब वो बिहार के सीएम बने, तब उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए क्या-क्या नहीं किया गया? कांग्रेस ओबीसी को बर्दाश्त नहीं कर सकती… वो ये गिनती करती रहती है कि सरकार में कितने ओबीसी हैं।
पहले भी हुआ था विवाद
इससे पहले सन 2014 में जब पहली बार नरेंद्र मोदी ने खुद को पिछड़ा वर्ग का बताया था, तो इस पर खासा विवाद हुआ था। तब कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि मोदी ने सत्ता में आने के बाद अपनी जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करा दिया। हालांकि, गुजरात सरकार ने सफाई में कहा था कि घांची (तेली) समाज को 1994 से गुजरात में ओबीसी का दर्जा मिला था।
नरेंद्र मोदी इसी घांची जाति के हैं। तब कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने आरोप लगाया था कि मोदी 2001 में मुख्यमंत्री बने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए 2002 में अपनी जाति को पिछड़ी जाति में डाल दिया। इस आरोप पर गुजरात सरकार की ओर से दिए गए जवाब के चलते विराम लग गया था। ओबीसी में किसी भी जाति को शामिल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से सामाजिक पिछड़ेपन और आंकड़ों के आधार पर आरक्षण मुहैया कराया जाता है।
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