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यूपी में हलाल बैन, पुलिस लगातार कर रही है कार्रवाई

by Rakesh Pandey
यूपी में हलाल बैन पुलिस लगातार कर रही है कार्रवाई
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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हलाल लेबल वालों सामान के बेचने, जमा करने और बनाने पर रोक लगा दी गई है। इसको लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इस रोक का आदेश तब सरकार ने दिया, जब लखनऊ में इसको लेकर शैलेंद्र शर्मा ने केस दर्ज कराया। हलाल लेबल का मतलब है कि इस्लामिक शरीयत के हिसाब से बनाया गया प्रोडक्ट।

18 नवंबर को जारी किया गया था आदेश
उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने 18 नवंबर को आदेश जारी कर राज्य में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों पर रोक लगा दी थी। यह आदेश 1940 के ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स एक्ट के नियमों के तहत जारी किया गया है। आदेश में कहा गया है कि मौजूदा कानून में दवाओं और कॉस्मेटिक उत्पादों पर हलाल का लेबल लगाने का कोई प्रावधान नहीं है।

सरकार के आदेश से 24 घंटे पहले दर्ज करवाया गया था केस

सरकार की ओर से आदेश जारी करने से करीब 24 घंटे पहले लखनऊ के हजरतगंज थाना में भाजपा नेता शैलेंद्र शर्मा ने कई उत्पादों पर हलाल का स्टिकर लगाए जाने की शिकायत करते हुए केस दर्ज करवाया था। केस में चेन्नई की हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली की जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, जमीयत उलेमा महाराष्ट्र और अज्ञात कंपनियों व उनके मालिकों और मैनेजमेंट के खिलाफ आरोप लगाया गए हैं.

केस में देश को कमजोर करने की जताई गई है आशंका

शिकायत में कहा गया है कि मांस रहित उत्पादों जैसे तेल, साबुन, शहद की बिक्री के लिए हलाल सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, जो जरूरी नहीं है। ये भी आरोप है कि इसकी वजह से गैर-मुसलमान व्यापारियों के व्यावसायिक हितों का नुकसान हो रहा है। आशंका जताई गई है कि इसमें देश को कमजाेर करने वाले लोग शामिल हैं, करोड़ों रुपए कमाए जा रहे हैं और इन पैसों से आतंकवादी संगठनों और राष्ट्रविरोधी संगठनों की फंडिंग की जा सकती है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट ने कहा- छवि की जा रही है खराब

मामले को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिद हलाल ट्रस्ट ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि हमारी छवि खराब करने के उद्देश्य से लगाए गए निराधार आरोपों के जवाब में, जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट ऐसी गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए आवश्यक कानूनी कदम उठाएगा। ट्रस्ट की ओर से बताया गया है कि पूरे विश्व में हलाल ट्रेड तकरीबन 3.5 ट्रिलियन डॉलर का है और भारत को उसका काफी फायदा पहुंचता है. उनका दावा है कि उनका हलाल सर्टिफिकेशन प्रोसेस घरेलू डिस्ट्रीब्यूशन और अंतरराष्ट्रीय एक्सपोर्ट दोनों के लिए है।

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