पॉलिटिकल डेस्क/Adhir Ranjan Choudhary: पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन को लेकर राजनीतिक दलों में हार-जीत की समीक्षा का दौर अभी चल ही रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में बंगाल में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। उधर, ताजा घटनाक्रम में बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इसकी जानकारी कांग्रेस महासचिव और पश्चिम बंगाल में प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने दी।
Adhir Ranjan Choudhary:बैठक में ही हो गया था फैसला
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अधीर रंजन का इस्तीफा कोई अचानक हुई घटना नहीं है। दरअसल, लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद हाल में पश्चिम बंगाल के नेताओं के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने बैठक की थी। इसमें अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का फैसला लिया गया था।
Adhir Ranjan Choudhary: 1999 से लगातार जीत, इस बार मिली हार
अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के बड़े नेता के रूप में जाने जाते हैं। वह 1999 से लगातार बहरामपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीतते आ रहे है। लोकसभा में वह कांग्रेस के नेता थे। इस बार लोकसभा में टीएमसी युसुफ पठान ने अधीर रंजन चौधरी को हरा दिया। उनकी हार में कांग्रेस के महसचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि अगर राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता है, पार्टी के नेता ईमेल और पत्र लिखकर जानकारी दें। जिसके बाद सभी ने केंद्रीय नेतृत्व को जानकारी दी और बंगाल में खराब प्रदर्शन का कारण अधीर को बताया।
Adhir Ranjan Choudhary: बैठक में ये बड़े नेता थे शामिल
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने दिल्ली में राज्य में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्या, अधीर रंजन चौधरी, दीपा दासमुंशी, अमिताभ चक्रवर्ती, नेपाल महतो, मनोज चक्रवर्ती, ईशा खान चौधरी व अब्दुल मन्नान के साथ बैठक की। जिसके बाद अधीर रंजन को पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय लिया गया। बता दें दीपा दासमुंशी केरल, तेलंगाना और लक्षद्वीप की प्रभारी है और कांग्रेस की महासचिव भी है।
Adhir Ranjan Choudhary: अधीर से जुबानी जंग के बाद टीएमसी ने अलग लड़ा चुनाव
पश्चिम बंगाल के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को पद से हटाने के बाद नये अध्यक्ष का ऐलान नहीं हुआ है। चुनाव के समय ममता बनर्जी और अधीर रंजन की बीच जुबानी जंग हुई थी। जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हस्तक्षेप करना पड़ा था। जिसके बाद टीएमसी ने बंगाल में अकेले चुनाव लड़ी। वहीं कांग्रेस बंगाल में सिर्फ एक लोकसभा सीट जीत पायी।
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