पटना : बिहार विधानमंडल मानसून सत्र के दौरान दोनों ही सदनों में राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने जोरदार हंगामा किया। एक ओर जहां विधानसभा में नेता विपक्ष विजय कुमार सिन्हा की अगुवाई में तेजस्वी से इस्तीफे की मांग की तो वहीं विधान परिषद के अंदर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता विरोधी दल सम्राट चौधरी शिक्षकों की गिरफ्तारी और बहाली को लेकर जमकर हंगामा किया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल के लिए स्थगित कर दी गयी।
इसके बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बीजेपी के लोगों को बिहार के विकास और बिहार की जनता की कोई चिंता नहीं है। सदन की कार्यवाही को चलने दिया जाना चाहिए था लेकिन इन लोगों ने टेबल और कुर्सियां पटकी और सदन को चलने तक नहीं दिया।
तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी वाले को जनता के मुद्दे से कोई मतलब नहीं है। इनका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना और सदन को नहीं चलने देना है। इनके पास कोई मुद्दा ही नहीं है जिस पर बोले। ये लोग सिर्फ हंगामा ही करते रहते हैं। शिक्षकों की जहां तक बात है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी इस मामले को खुद देख रहे हैं। जो भी शिक्षक नेता हैं उनकों बुलाकर खुद सीएम नीतीश कुमार बात करेंगे।
यह कितनी अच्छी पहल है। जबकि एक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं जिनके पास किसानों और पहलवानों से मिलने की भी फुर्सत नहीं है। लेकिन बिहार में माहौल अलग है, शिक्षकों को बुलाकर उनकी राय ली जायेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इन शिक्षकों से मिलेंगे।
बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भाजपा नेताओं ने नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा है कि यदि नीतीश कुमार चार्जशीटेड डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगेंगे तो उनकी कुर्सी चली जायेगी, भाजपा नेता और पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि इसी कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तेजस्वी से इस्तीफा मांगने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं
यह वही नीतीश कुमार हैं जिन्होंने पहले भ्रष्टाचार के मामले को लेकर कई मंत्रियों से इस्तीफा ले चुके हैं लेकिन आज उनको कुर्सी की मौत हो गई है और बेबस हो गये हैं। इसी कारण जिस तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई चार्जशीट किया है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उसे अपने बगल में बैठा रहे हैं।
उधर भाजपा के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल बच्चों ने भी महागठबंधन पर प्रहार किया और कहा कि भाजपा विपक्षी एकता से डरने वाली नहीं है उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा का अभियान जारी रहेगा और जिन लोगों ने भ्रष्टाचार के तहत लूट खसोट मचाया है उन पर कार्रवाई होगी।
राजद विधायक भाई बीरेंद्र ने कहा कि इस्तीफे का तो सवाल ही नहीं है। जांच एजेंसियां उपमुख्यमंत्री को फंसाने का काम कर रही है।
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की दोहरी नीति नहीं चलेगी। बीजेपी के नेता कहते हैं कि छगन भुजबल और एनसीपी के लोग भ्रष्टाचारी हैं। प्रफुल पटेल को अपनी पार्टी में ले लिये आपके लिए सब बढ़िया है। ऐसा कौन डिटर्जेंट पाउडर आपके पास है कि आपके पास जो जाता है वह सब शुद्ध हो जाता है और जो लोग हमारे पास आते हैं तो महकने लगता है।
ऐसा कौन डिटर्जेंट पाउडर है बता दीजिए, तो हम लोग यूज करने लगेंगे। एफआईआर के सवाल पर कहा कि अब राजनीतिक परिस्थितियां बदल गयी है। कहा कि बीजेपी वालों की नियत साफ नहीं है। अमित शाह के पास क्या था, अमित शाह के ऊपर केस नहीं हुआ क्या। समय का इंतजार करना चाहिए समय से बलवान कोई नहीं होता है।
शिक्षकों का प्रदर्शन उग्र ना हो उसको लेकर पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा गर्दनीबाग धरना स्थल पहुंचे, जहां धरना स्थल का जायजा लिया। इस मौके पर एसएससी के साथ सिटी एसपी मजिस्ट्रेट भी घटनास्थल पर पहुंचे। पटना एसएसपी राजीव मिश्रा भी गर्दनीबाग पहुंच शिक्षकों के प्रदर्शन का जायजा लिया और सुरक्षाकर्मी पुलिस को निर्देश दिया कि प्रदर्शन पर ध्यान रखा जाये।
वहीं एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि तमाम हालात नियंत्रण में हैं। एसएसपी ने कहा कि धरना की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दी गयी है। हम सभी की कोशिश है कि जो धरना है लोकतांत्रिक सीमाओं को और शांतिपूर्ण ढंग से हो, पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि विधानसभा मार्च करने की अनुमति नहीं दी गयी है, सिर्फ धरना करने की अनुमति दी गयी है। विधानसभा के चारों तरफ 144 धारा लगा दी गयी है जो हमेशा विधानसभा सत्र के तहत लगायी जाती है। उस इलाके में किसी को भी प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है।
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शिक्षकों के आंदोलन के संबंध में बताया कि मुख्यमंत्री शिक्षकों की नियुक्ति की नयी नियमावली के संबंध में शिक्षकों की आपत्तियों पर विमर्श के लिए विधानमंडल सत्र के बाद नेताओं एवं संगठनों से बात करेंगे। ऐसी परिस्थिति में शिक्षकों से अपील है कि वे कार्य पर लौट जाएं एवं विद्यालय में अपना अध्यापन कार्य जारी रखें।
भाजपा इस आड़ में राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए फरेबी हमदर्दी दिखाकर उनको आगे बढ़ाकर उपद्रव फैलाना चाहती है। चौधरी ने कहा कि पूर्व में भाजपा के ही पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री ने कहा था कि इन शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा कोई सरकार नहीं दे सकती। फिर आज अचानक इतनी सहानुभूति कहां से आ गई। दूसरी तरफ, भाजपा को यह बताना चाहिए कि समग्र शिक्षा अभियान की राशि जिससे शिक्षकों के वेतनादि का भुगतान होता है, नये वित्तीय वर्ष 2023-24 के साढ़े तीन महीने बीत जाने के बावजूद आजतक एक रुपया भी राज्य सरकार को आवंटित क्यों नहीं किया गया है ?
पिछले तीन महीने से शिक्षकों को वेतन समय पर देने के लिए राज्य सरकार अपने संसाधन से केन्द्रांश भी दे रही है। इस बार के प्रथम अनुपूरक बजट में भी 6200 करोड़ से अधिक राशि सिर्फ केन्द्रांश की प्रतिपूर्ति के लिए प्रावधानित की गयी है। अतः भाजपा नेतागण घड़ियाली आंसू बहाना छोड़ इन शिक्षकों के वेतन मद के तीन महीने का बकाया पैसा दिलवाएं। शिक्षकों के हितों के प्रति बिहार सरकार खुद संवेदलशील है।