पॉलिटिकल डेस्क: उत्तर प्रदेश विधानसभा से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जिससे राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर से बहस छिड़ गई है। उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है और इस बार यह सत्र नए नियमों के साथ चलेगा। बीते सत्र में हुए बदलावों के बाद इस सत्र में सदस्यों के लिए कई महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना है। आज हम जानेंगे कि इन नए नियमों ने कैसे विधानसभा की कार्यशैली में सुधार करने का काम किया है और इससे कैसे विवादों का समाधान होने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के नए नियमों के तहत सदस्यों को सत्र के दौरान सदन में मोबाइल फोन नहीं ले जाने की अनुमति होगी। इससे पहले सदस्यों के वीडियो सामने आने के कारण उत्पन्न विवादों के समाधान के लिए यह कदम उठाया गया है। महिला सदस्यों को विशेष वरीयता दी जाएगी और सत्र के दौरान झंडा और बैनर ले जाने पर भी प्रतिबंध होगा।
यूपी विधानसभा सत्र के नियमों में बदलाव 66 साल के बाद हुआ है कोई बदलाव
यूपी विधानसभा में आए नए नियमों के तहत सदस्यों को सत्र के दौरान मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। यह बदलाव 66 सालों के बाद का पहला कदम है और इसका मुख्य उद्देश्य विवादों की परिस्थितियों को सुधारना है। पिछले सत्र में हुए बदलावों के बाद यह सत्र इन नए नियमों के साथ होगा और सदस्यों को सतन में मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लागू होगा। नए नियमों के अनुसार, महिला सदस्यों को विशेष वरीयता दी जाएगी, ताकि वे सदन में अपनी बात को स्पष्टता से रख सकें। यह उत्तर प्रदेश सरकार के सशक्तीकरण के प्रति कदम है, जो महिला सदस्यों को सत्र में भागीदार बनाए रखना चाहती है। इस विशेष वरीयता के जरिए महिलाओं को विधायिका सत्र में अपनी राय रखने का अधिकार मिलेगा।
झंडा और बैनर पर भी प्रतिबंध
नए नियमों के तहत सत्र के दौरान सदस्यों को सदन में झंडा और बैनर ले जाने पर भी प्रतिबंध है। यह सदस्यों को सत्र में अपने दृष्टिकोण को स्पष्टता से रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे सदन में सत्र की कार्यप्रवृत्ति में भी सुधार होगा। यह बदलाव सत्र की गतिविधियों में स्थायिता और नैतिकता को बढ़ाएगा।