रायरंगपुर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी ओडिशा यात्रा के अंतिम दिन शनिवार को रायरंगपुर में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में तीन नई रेल लाइनों, जनजातीय अनुसंधान एवं विकास केंद्र, दंडबोस हवाई अड्डे और रायरंगपुर उप मंडलीय अस्पताल के नए भवन शामिल हैं। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के विकास को एक नई दिशा मिलेगी और स्थानीय लोगों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान होंगी। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि उन्हें इस भूमि (ओडिशा) की बेटी होने पर हमेशा गर्व रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने व्यस्ततम कार्यक्रमों के बावजूद ओडिशा और यहां के लोगों के प्रति उनका प्यार हमेशा अडिग रहा है। उन्होंने कहा, “मातृभूमि मेरे विचारों और कार्यों में बसती है और यहां के लोगों का पवित्र प्रेम हमेशा मेरे दिल में गूंजता रहता है।”
क्षेत्रीय विकास के लिए नई रेल परियोजनाएं और हवाई अड्डा
राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि रायरंगपुर में शुरू हो रही नई रेल लाइनों और दंडबोस हवाई अड्डे से परिवहन, वाणिज्य, और व्यापार को गति मिलेगी। इन परियोजनाओं के चलते स्थानीय लोगों के लिए न केवल यात्रा के आसान साधन उपलब्ध होंगे, बल्कि यह क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों से भी बेहतर तरीके से जुड़ सकेगा।
नये अस्पताल से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि 100 बिस्तरों वाला नया अस्पताल भवन स्थानीय लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगी। यह नया अस्पताल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेगा और लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्राप्त होंगी।
ओडिशा के विकास में केंद्र सरकार की भूमिका
राष्ट्रपति ने कहा कि ओडिशा को भारत सरकार के पूर्वोदय विजन से भारी लाभ हो रहा है। शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, पर्यटन, कनेक्टिविटी और परिवहन सुविधाओं के क्षेत्र में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से पूरे क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है।
आदिवासी बच्चों के लिए एकलव्य विद्यालयों की स्थापना
उन्होंने यह भी बताया कि आदिवासी बच्चों को शिक्षा देने के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। ओडिशा में 100 से अधिक नए एकलव्य विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें से मयूरभंज जिले में 23 विद्यालय शामिल हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्वास जताया कि इन विद्यालयों से शिक्षा प्राप्त करने के बाद आदिवासी बच्चे न केवल अपने जीवन को बेहतर बनाएंगे, बल्कि समाज और देश की प्रगति में भी अहम भूमिका निभाएंगे।