Home » Puri Rath Yatra : भारी भीड़ में फंसने से 600 श्रद्धालु घायल, मोड़ पर अटक गया था भगवान बलभद्र का रथ

Puri Rath Yatra : भारी भीड़ में फंसने से 600 श्रद्धालु घायल, मोड़ पर अटक गया था भगवान बलभद्र का रथ

by Rakesh Pandey
Puri Rath Yatra 2025
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

पुरी (ओडिशा) : भगवान जगन्नाथ की ऐतिहासिक रथ यात्रा में इस बार असाधारण भीड़ के कारण अव्यवस्था फैल गई। भगवान बलभद्र का ‘तालध्वज रथ’ यात्रा मार्ग के एक मोड़ पर अटक गया, जिससे रथ की गति धीमी हुई और बड़ी संख्या में श्रद्धालु फंस गए। काफी संख्या में लोग प्रतिबंधित क्षेत्र में घुस गए, जिससे रथों की सुचारू आवाजाही में और बाधा उत्पन्न हुई। सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, उम्मीद से कहीं ज्यादा भीड़ उमड़ी, जिसको मैनेज करने में काफी चुनौतियां आईं। इस अव्यवस्था के कारण बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ी, जिनमें से 600 से ज्यादा लोगों का पुरी मेडिकल कॉलेज में इलाज किया गया। रथ खींचने के दौरान ये घटनाएं पूरे रथ यात्रा मार्ग पर हुईं। गनीमत रही कि भगदड़ की स्थिति नहीं बनी और किसी की जान नहीं गई।

रथ अटकने से बढ़ी भीड़, अव्यवस्था के हालात

रथ यात्रा मार्ग पर अचानक रथ की रुकावट ने मौके पर जमा भीड़ को और खतरनाक बना दिया। प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी श्रद्धालुओं के घुसने से रथ की आवाजाही बाधित हुई। स्थिति को नियंत्रित करने में प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि कोई भगदड़ नहीं हुई और किसी की मौत की खबर नहीं है, लेकिन कई लोग गर्मी और धक्का-मुक्की के कारण बेहोश हो गए।

मंत्री का बयान : गर्मी और उमस बनी प्रमुख वजह

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के बेहोश होने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए ओडिशा के मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा कि ये घटनाएं संभवतः बहुत अधिक गर्मी और उमस के कारण हुई हैं। उन्होंने कहा कि मौसम की स्थिति के कारण एक या दो श्रद्धालु बेहोश हो गए, लेकिन बचाव दल ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और उन्हें अस्पताल पहुंचाया। महालिंग ने कहा कि मंदिर के पास प्राइमरी हेल्थ सेंटर स्थापित किए गए हैं और उन्होंने आश्वासन दिया कि पानी और ग्लूकोज की व्यवस्था की गई है। मैं व्यक्तिगत रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए भी यहां आया हूं कि पर्याप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध है और देखभाल की जरूरत वाले लोगों की जांच करने के लिए अस्पताल का दौरा करूंगा।

कैसे होता है पुरी रथयात्रा का आयोजन

हर साल आयोजित होने वाली पुरी रथयात्रा में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा को रथों पर विराजमान कर पुरी जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है। यह दूरी लगभग 2.5 किलोमीटर की होती है। इस दिन को शुभ मानकर लाखों श्रद्धालु इन रथों को अपने हाथों से खींचते हैं।

भगवान बलभद्र : तालध्वज रथ

देवी सुभद्रा : दर्पदलन रथ

भगवान जगन्नाथ : नंदी घोष रथ

पवित्र परंपराएं और धार्मिक आयोजन

छेरा पहनरा अनुष्ठान : भोई राजवंश के मुखिया द्वारा रथ यात्रा मार्ग को सोने की झाड़ू से बुहारना।

पहांडी विधि : जिसमें त्रिदेवों को रथों तक विशेष जुलूस के जरिए लाया जाता है।

श्री सुदर्शन को सबसे पहले देवी सुभद्रा के रथ पर विराजमान किया जाता है।

रथ यात्रा के लिए भारी सुरक्षा व्यवस्था

इस वर्ष की रथ यात्रा के लिए 10,000 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया। CRPF की आठ कंपनियां, और 275+ AI इनेबल्ड CCTV कैमरे रथ मार्ग पर निगरानी के लिए लगाए गए हैं। ओडिशा के DGP वाई.बी. खुरानिया ने कहा कि हर स्तर पर सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित की गई थी।

Read Also- RANCHI NEWS: हजारों श्रद्धालुओं ने खींचा भगवान जगन्नाथ का रथ, सीएम ने दिया ये संदेश

Related Articles