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रघुवर के ‘ओडिशा शिफ्ट’ से जमशेदपुर में बदलेगा राजनीतिक समीकरण : टिकट के दावेदार बढ़े

by Rakesh Pandey
रघुवर के ओडिशा शिफ्ट से जमशेदपुर में बदलेगा राजनीतिक समीकरण
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स्पेशल डेस्क, रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास को अब ओडिशा के राज्यपाल पद की नई जिम्मेदारी मिली है। उनके राज्य की सियासत से बाहर जाने से कोल्हान का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदल गया है। रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी से वर्ष 1995 से लगातार पांच बार विधायक रहे। हालांकि, वर्ष 2019 में वे निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय से हार गए थे। उसके बाद भी वे अपने क्षेत्र में काफी ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे थे। माना जा रहा था कि वर्ष 2024 में होने वाले.विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

रघुवर के ओडिशा शिफ्ट से जमशेदपुर में बदलेगा राजनीतिक समीकरण

रघुवर के ओडिशा शिफ्ट से जमशेदपुर में बदलेगा राजनीतिक समीकरण

इसकी तैयारी भी उन्होंने अंदरखाने शुरू कर दी थी। इसी बीच पार्टी ने उन्हें नई जिम्मेदारी सौंप दी, जिससे कोल्हान क्षेत्र का पूरा समीकरण ही बदल गया है। जमशेदपुर शहर की दोनों विधानसभा सीटों पूर्वी व पश्चिमी के लिए अभी से दावेदारी शुरू हो गई है। रघुवर के रहते कोई दूसरा नेता पूर्वी सीट से टिकट के लिए गंभीरता से पहल नहीं कर रहा था। अब बदली स्थिति में हर कोई यही चाहने लगा है कि उसे दोनों में से किसी भी सीट से भाजपा अपना प्रत्याशी बना दे। ऐसे कई दावेदार सोशल मीडिया व तमाम कार्यक्रमों के माध्यम से सक्रिय हो गए हैं । फिलहाल जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी दोनों सीट के लिए पार्टी को एक-एक मजबूत प्रत्याशी की जरूरत है। ऐसे में अब देखना होगा कि कौन पार्टी का टिकट पाने में सफल होता है।
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सोशल मीडिया पर भी बना माहौल मैदान खाली है…मार लो बाजी

झारखंड में विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है लेकिन कोल्हान में सरगर्मी बढ़ गई है। सोशल मीडिया पर कई दावेदारों के नाम से पेज बना हुआ है जो अभी से ही सक्रिय नजर आने लगे हैं। सरयू सेना के नाम से एक पेज बना हुआ है जिसमें लिखा है कि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा की जनता की एक ही राय 2024 पुन: एक बार। वहीं, काले पूर्वी नाम से भी एक पेज बना हुआ है, जिसके नीचे हर हर महादेव, जमशेदपुर 2024 लिखा हुआ है। इसपर तमाम लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अर्जुन शर्मा ने लिखा है मैदान खाली है…माल लो बाजी। वहीं, अनूप चटर्जी ने लिखा है आप का रास्ता साफ है, ग्रीन सिंगल। लता कुमारी ने लिखा है विजयी भव:। इस तरह से तमाम लोगों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

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कौन किस पर पड़ेगा भारी
– सरयू राय : सरयू राय वर्तमान में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक हैं। वे पिछले चुनाव में रघुवर दास को हराकर विधायक बने। इससे पूर्व वे जमशेदपुर पश्चिमी से भी विधायक रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव के समय उन्होंने पार्टी छोड़ दी। अब एक बार फिर सरयू राय के भाजपा में दोबारा लौटने की अटकलें लगने लगी हैं। चर्चा यह है कि वे धनबाद से लोकसभा प्रत्याशी बनने के लिए भी प्रयासरत हैं। हालांकि अगर वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में उनकी स्वाभाविक दावेदारी बनी रहेगी। अगर वह भाजपा में शामिल होते हैं तो जमशेदपुर की दोनों में से किसी एक सीट के लिए वह स्वाभाविक रूप से उम्मीदवार बने रहेंगे।

सरयू राय

– अभय सिंह : अभय सिंह जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ते रहे हैं। वह 2009, 2014 व 2019 के विधानसभा चुनाव में रघुवर दास के खिलाफ जमशेदपुर पूर्वी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन तीनों बार उनको हार मिली। उनकी छवि कट्टर हिंदुत्वादी नेता की है। इस साल रामनवमी के दौरान कदम शास्त्री नगर में हुए बवाल के बाद उनको जेल भी जाना पड़ा था। फिलहाल वह जेल से बाहर आ चुके हैं। वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के काफी करीबी माने जाते हैं। 2024 के चुनाव में उन्हें जमशेदपुर पश्चिम से भाजपा टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, वैसे ऐन वक्त पर समीकरण में कोई बदलाव हुआ तो भाजपा उन्हें जमशेदपुर पूर्वी से भी उतार सकती है।

अभय सिंह

– अमरप्रीत सिंह काले : अमरप्रीत सिंह काले जमशेदपुर पूर्वी से दावेदारी करते रहे हैं। हालांकि, पिछले चुनाव में रघुवर दास की हार के बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। अब रघुवर दास के राज्यपाल बनने के बाद वे फिर से सक्रिय हो गए हैं। अमरप्रीत सिंह काले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के करीबी माने जाते हैं। काले जमशेदपुर पूर्वी में नमन संस्था के माध्यम से अपना शक्ति प्रदर्शन भी करते रहे हैं। भाजपा में प्रवेश मिल जाने के बाद काले की दावेदारी को बल मिलेगा।

अमरप्रीत सिंह काले
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– विजय कुमार सिंह : भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी विजय कुमार सिंह कुछ दिन पूर्व ही रांची में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए हैं। विजय कुमार सिंह कोल्हान के कमिश्नर भी रह चुके हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद उनकी सक्रियता काफी ज्यादा बढ़ गई है। उनकी पहचान काफी तेज-तर्रार अधिकारी के रूप में रही हैं। वे भी शहर की दोनों सीटों, प्राथमिकता जमशेदपुर पश्चिम, में से किसी भी सीट से टिकट मिलने का जुगाड़ बैठाने में लगे हैं।

– राजीव रंजन सिंह : कोल्हान के पूर्व डीआईजी राजीव रंजन सिंह भी कुछ माह पूर्व ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हुए हैं। पार्टी में शामिल होने के बाद उनकी सक्रियता काफी ज्यादा बढ़ गई है। उनकी पहचान भी काफी तेज-तर्रार अधिकारी के रूप में रही है। उनके पास पुलिस सेवा का लंबा अनुभव है। राजीव रंजन सिंह कहते हैं कि वे सेवानिवृत्ति के बाद देश की सेवा के लिए अपने अनुभव और क्षमता का उपयोग करना चाहते हैं।


– शिव शंकर सिंह : समाजसेवी शिव शंकर सिंह फिलहाल कई संगठनों से जुड़े हुए हैं। वे लंबे समय से संघ से जुड़े हुए हैं। बीते दो साल से वे समाज में काफी ज्यादा सक्रिय हैं। चर्चा है कि वे जल्द ही बीजेपी में शामिल होंगे। उनकी सक्रियता से चर्चा का बाजार काफी गर्म है।

शिव शंकर सिंह

– नीरज सिंह : भारतीय जनता पार्टी व्यवसायिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक नीरज सिंह जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र में काफी ज्यादा सक्रिय है। प्रचार-प्रसार से लेकर उनके द्वारा कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते रहे है। वह जमशेदपुर पश्चिम के लिए अपनी दावेदारी कर सकते हैं।

– अरविंद सिंह : ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के भी बीजेपी में आने की चर्चा तेज हो गई है। वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से मिल भी चुके हैं। जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र में उनकी सक्रियता भी बढ़ गई है। बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि अरविंद सिंह भाजपा के पुराने साथी हैं। जल्द अपने पुराने घर भाजपा में लौटेंगे।

नीरज सिंह

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बहरहाल यह कुछ ऐसे नाम है जिनकी चर्चा भाजपा से लेकर आम जनता में भी हो रही है लेकिन पार्टी के भीतर कई ऐसे नेता भी हैं जो भीतर ही भीतर टिकट के लिए जोड़-तोड़ बैठा रहे हैं। संभव है भाजपा किसी अचर्चित चेहरे को भी मैदान में उतर सकती है अथवा किसी दूसरे दल के बड़े नेता को भी अपने पाले में खींचकर चौका सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जमशेदपुर पश्चिम सीट पर देवेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया था। लिहाजा वह एक बार फिर अपनी दावेदारी जाता सकते हैं।

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