नई दिल्ली : सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत के पूरे भारत के विभिन्न रेल मंडलों से दौड़ाए जाने का कार्यक्रम अभी चल ही रहा है। इसी बीच महानगरों में परिवहन की रीढ़ कहे जानेवाले मेट्रो ट्रेन की तर्ज पर वंदे मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की कवायद शुरू कर दी गई है। रेलवे ने बाकायदा इसकी योजना भी तैयार कर ली है।
इसी साल दिसंबर तक दौड़ने लगेगी वंदे मेट्रो
रेल मंत्रालय के अनुसार दिसंबर तक वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी है। इस ट्रेन को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री और लखनऊ स्थित आरडीएसओ यानी रिसर्च डिज़ाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन में तैयार किया जाएगा। वंदे मेट्रो ट्रेन को देश के अलग-अलग शहरों में चलाया जाएगा।
उन शहरों की बनेगी शोभा जहां आबादी का बोझ ज्यादा
वंदे मेट्रो ट्रेन का परिचालन उन शहरों में किया जाएगा जहां आबादी का बोझ अधिक है। इन शहरों में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बंगलुरू समेत अधिक आबादी वाले अन्य शहरों को शामिल किया जाएगा।
100 किलोमीटर से कम दूरी के लिए सफर होगा सुहाना
रेल मंत्रालय इसी साल दिसंबर तक वंदे मेट्रो शुरू करने की तैयारी में है। इससे लोगों का सफर आसान हो जाएगा। ये ट्रेनें देश के कई शहरों के लिए संचालित की जाएगी। खासकर ये ट्रेनें ज्यादा आबादी वाले शहरों के लिए चलाई जाएंगी।
वंदे भारत की सफलता के बाद बनी योजना
वंदे भारत नाम से देश के विभिन्न हिस्सों में सेमी हाई स्पीड ट्रेनों का सफल परिचालन शुरू होने के बाद वंदे मेट्रो के परिचालन का प्लान तैयार किया गया है। वंदे मेट्रो से प्रमुख शहरों को जोड़ने और परिवहन का एक किफायती विकल्प लोगों को देने की तैयारी है। रेल मंत्रालय के अनुसार वंदे मेट्रो कम दूरी की मेट्रो रेल नेटवर्क पर चलेगी। यह 100 किमी से कम दूरी के शहरों को जोड़ेगी।
कम हो सकेगा भीड का दबाव
यह तो सभी जानते हैं कि लोकल मेट्रो ट्रेनों में काफी अधिक भीड़ होती है। वंदे मेट्रो ट्रेन चलने से यात्रियों का दबाव लोकल मेट्रो ट्रेनो पर कम होगा। वंदे मेट्रो ट्रेनों को किफायती किराये के साथ चलाने की तैयारी की जा रही है ताकि आम नागरिक इसमें सुविधापूर्वक सफर कर सके। वंदे मेट्रो को चलाने का प्लान वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की प्रतिक्रिया के आधार पर किया गया है।
जानें, वंदे मेट्रो की खासियत :
-100 किमी से कम दूरी वाले शहरों को जोड़
-यह वंदे भारत से कम दूरी वाली ट्रेन होगी, यात्रियों को रैपिड शटल का अनुभव मिलेगा
-इसमें आठ कोच होंगे, सामान्य वंदे भारत ट्रेनों में 16 कोच हैं
-नौकरी से लेकर स्कूल जाने तक सफर आसान हो जाएगा।