चक्रधरपुर : मानवाधिकार कार्यकर्ता बैरम खान ने रेल मंत्री, एडिशनल सेक्रेटरी केंद्रीय सतर्कता आयोग, जीएम गार्डनरीच कोलकाता, रेल मंडल प्रबंधक हटिया रांची और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने रांची रेल डिविजन में सीसीआई नीरज कुमार व टीटी जेके प्रसाद व उनके सहयोगी द्वारा अवैध वसूली और रेल यात्री हुसैन के साथ अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है।

आरोप के विवरण
हटिया में सीसीआई नीरज कुमार व टीटी जेके प्रसाद ने एक रेल यात्री मंजर हुसैन व उनके साथ तीन और लोगों से पेनाल्टी के नाम पर रकम वसूली थी, वो भी अपने मोबाइल फोन पर, जबकि यात्री हुसैन व सहयात्री ट्रेन में रनिंग टीटी से सीट नंबर लेकर बैठे थे। नीरज कुमार ने इन्हें व्यक्ति को सबके सामने बेइज्जत किया था, फिर रकम वसूली। चक्रधरपुर निवासी बैरम खान ने कहा कि न जाने सीसीआई नीरज कुमार ऐसे कितने यात्रियों को इस तरह से बेइज्जत करके अवैध वसूली कर रहे हैं। इससे रेलवे को राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

आरोप के मुख्य बिंदु
- घटना 13/05/25 को हटिया रेलवे स्टेशन की है और ट्रेन नंबर 18451 तपस्विनी एक्सप्रेस है।
- सीसीआई नीरज कुमार व टीटी जेके प्रसाद और उनके सहयोगियों द्वारा अवैध वसूली और अभद्र व्यवहार करने का आरोप।
- पीड़ित व्यक्ति हुसैन से 3530 रुपये की अवैध वसूली की गई।
- टीटी द्वारा उपलब्ध रसीद में गलत जानकारी दर्ज करने का आरोप।
- रेलवे का टैब जिसे HHT कहा जाता है, उसकी भी जांच हो।
- पीड़ित मंजर हुसैन का पेनल्टी भुगतान मोबाइल पर लिया गया, जो कमलकांत के सहयोगी के मोबाइल पर लिया गया है। इस पर जांच कर कार्रवाई करें।
रेलवे से रखी मांगें
- मामले की जांच की जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
- जब तक जांच नहीं होती है, तब तक आरोपी रेल कर्मचारियों को कार्य से ना जोड़ा जाए।
- पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाया जाए और अवैध वसूली की राशि वापस दिलाई जाए।
- रेलवे में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
बैरम खान ने कहा है कि रेलवे में भ्रष्टाचार और अवैध वसूली के खिलाफ आवाज उठाना मेरा कर्तव्य है। ये सिर्फ एक व्यक्ति का मामला नहीं है। ऐसे बहुत से लोग हैं, जो सीसीआई नीरज कुमार से हर दिन पीड़ित हो रहे हैं। रेलवे के द्वारा सही समय पर ट्रेन नहीं चलना लोगों को और परेशान कर रहा है। मैं रेल मंत्री और अन्य अधिकारियों आयोग से मांग करता हूं कि इस मामले की जांच की जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।