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Rakshabandhan 2025 : 29 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग, इस बार नहीं लगेगी भद्रा; जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त और खास संयोग

Rakshabandhan 2025 : शनि और सूर्य के बीच समसप्तक योग का निर्माण 29 वर्षों बाद हो रहा है। इस दौरान शनि मीन राशि में और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे।

by Anurag Ranjan
Raksha Bandhan 2025 to be celebrated without Bhadra, rare Yog forming after 29 years with auspicious muhurat
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वाराणसी : रक्षाबंधन 2025 (Rakshabandhan 2025) का पर्व इस बार 9 अगस्त को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक इस पर्व पर 29 वर्षों बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब भद्रा और पंचक का कोई प्रभाव नहीं रहेगा। यही नहीं, इस दिन 10 शुभ योग भी बन रहे हैं, जो रक्षाबंधन को और भी पावन और फलदायक बना देंगे।

भद्रा का प्रभाव नहीं, पूरा दिन राखी बांधने का अवसर

बीएचयू के ज्योतिषाचार्य प्रो. विनय कुमार पांडेय और आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री के अनुसार, भद्रा काल इस वर्ष 8 अगस्त को दोपहर 1:41 बजे से रात 1:32 बजे तक रहेगा। जबकि पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 1:42 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1:23 बजे तक रहेगी। चूंकि रक्षाबंधन का पर्व उदया तिथि पर मनाया जाता है, इसलिए 9 अगस्त को मनाया जाएगा, और इस दिन भद्रा का कोई प्रभाव नहीं रहेगा।

Rakshabandhan 2025 : पंचक भी नहीं करेगा रक्षाबंधन में विघ्न

इस वर्ष रक्षाबंधन पर पंचक भी उपस्थित नहीं रहेगा। वर्षों बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब रक्षाबंधन, श्रावणी उपाकर्म और अन्य धार्मिक अनुष्ठान बिना किसी बाधा के संपन्न होंगे।

29 साल बाद बन रहा समसप्तक योग

शनि और सूर्य के बीच समसप्तक योग का निर्माण 29 वर्षों बाद हो रहा है। इस दौरान शनि मीन राशि में और सूर्य कर्क राशि में रहेंगे। साथ ही आयुष्मान, सौभाग्य, बुधादित्य, हर्ष, शकट और विमल विपरीत राज योग जैसे कुल 10 विशेष योग बनेंगे, जो पर्व को और भी शुभ और शक्तिशाली बना देंगे।

शनि और मंगल के योग से दूर होंगी जीवन की बाधाएं

शनि और मंगल के आमने-सामने आने से नव पंचम योग बन रहा है, जिससे जीवन की बाधाएं दूर होंगी। आचार्य कृष्ण शास्त्री के अनुसार, रक्षाबंधन से पहले शनि मीन राशि में प्रवेश करेंगे और मंगल सिंह राशि छोड़कर कन्या राशि में जाएंगे। यह संयोग भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत और सौहार्दपूर्ण बनाएगा।

Rakshabandhan 2025 : राखी बांधने के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:29 से 6:05 बजे तक
  • सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 6:06 से 8:20 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: सुबह 10:47 से 11:58 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:53 बजे तक

वैदिक राखी में उपयोग होने वाली 5 वस्तुएं

  1. दूर्वा (घास)
  2. अक्षत (चावल)
  3. केसर
  4. चंदन
  5. सरसों के दाने

इन पांचों वस्तुओं को रेशम के कपड़े में बांधकर वैदिक राखी तैयार की जाती है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र और प्रभावी मानी जाती है।

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