रामगढ़ : कोयलांचल के सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र ने इस वित्तीय वर्ष में कोयला और ओबी उत्पादन में एक नया इतिहास रच दिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंत में, क्षेत्र के जीएम अजय कुमार सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस शानदार उपलब्धि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार प्रक्षेत्र ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं और मुनाफे की दिशा में बढ़ने में सफलता प्राप्त की है।
उत्पादन में महत्वपूर्ण वृद्धि
जीएम अजय कुमार सिंह ने कहा कि पिछले कई वर्षों से घाटे का सामना करने वाले इस प्रक्षेत्र ने इस बार 32 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ कोयला उत्पादन में सफलता हासिल की। इसके अलावा, ओबी उत्पादन में भी 51 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि विगत वित्तीय वर्ष में कोयले का उत्पादन मात्र 61.38 लाख टन था, वहीं इस वर्ष यह बढ़कर 81 लाख टन हो गया। इसके अलावा, ओबी का उत्पादन 171 लाख 85 हजार क्यूबिक मीटर हुआ, जो अब तक का सबसे बड़ा उत्पादन माना जा रहा है।
इकाइयों का सामूहिक योगदान
जीएम अजय कुमार सिंह ने इस सफलता का श्रेय प्रक्षेत्र की सभी इकाइयों को दिया। उन्होंने बताया कि भुरकुंडा परियोजना ने 10 लाख टन, सयाल परियोजना ने 13.5 लाख टन, बिरसा परियोजना ने 45 लाख टन, और उरीमारी परियोजना ने 12.5 लाख टन कोयले का उत्पादन किया है।
कोयला संप्रेषण और रैक लोडिंग में भी वृद्धि
सीसीएल बरका सयाल प्रक्षेत्र ने कोयला संप्रेषण में 30 प्रतिशत और रैक लोडिंग में 43 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त की है। विगत वित्तीय वर्ष में जहां 58 लाख 80 हजार टन कोयले का संप्रेषण हुआ था, वहीं इस वर्ष 76 लाख 60 हजार टन कोयले का संप्रेषण हुआ। साथ ही, रैक लोडिंग में भी 1201 के मुकाबले 1721 रैक लोडिंग दर्ज की गई, जिसमें सबसे अधिक एक दिन में 19 मार्च को 10 रैक लोडिंग किया गया, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।
मार्च माह में कोयला उत्पादन में रिकॉर्ड
जीएम अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस वर्ष मार्च माह में सबसे ज्यादा 14 लाख टन कोयला उत्पादन हुआ है। उन्होंने विस्थापित नेताओं, विस्थापित समिति, यूनियन के प्रतिनिधियों, और सीसीएल कर्मचारियों को इस सफलता का श्रेय देते हुए धन्यवाद दिया।
आगामी वित्तीय वर्ष के लक्ष्य और नई परियोजनाएं
अजय कुमार सिंह ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रक्षेत्र को 90 लाख टन का लक्ष्य दिया गया है, जिसे टीम वर्क के जरिए पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, भुरकुंडा संगम परियोजना इस वर्ष शुरू की जाएगी, जिसमें 5 मिलियन टन कोयले का भंडार है। उन्होंने बताया कि सौंदा और खास कर्णपुरा परियोजना का मामला पर्यावरण और वन विभाग की स्वीकृति मिलने के बाद शुरू किया जाएगा।