रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी मंगलवार को रेडिसन ब्लू होटल में आयोजित एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया कॉन्क्लेव में शामिल हुए। उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों को स्पष्ट चेतावनी दी कि गरीबों के आयुष्मान कार्ड को एटीएम समझने की भूल न करें। उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों की सेवा के लिए कटिबद्ध है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किसी भी प्रकार की धांधली या शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कॉन्क्लेव में राज्यभर के निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि, प्रबंधक और वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत सरकारी बकाया बिलों के लंबित भुगतान से संबंधित समस्याओं पर विचार करना था। जिसमें स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल प्रबंधकों की बातों को गंभीरता से सुना और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक दिन के भीतर लंबित बकाया बिलों का भुगतान किया जाए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो अस्पताल आयुष्मान कार्ड से भुगतान लेकर मरीजों को रिम्स रेफर कर देते हैं, वे गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं और ऐसा कोई भी रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
7 साल में 2284 करोड़ का भुगतान
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 11 फरवरी 2025 से अब तक 192 करोड़ का भुगतान लंबित है, जिसे जल्द निपटाया जाएगा। साथ ही बताया कि पिछले सात वर्षों में योजना के अंतर्गत 2284 करोड़ का कुल भुगतान किया गया है। इसमें 7.3 लाख सरकारी अस्पताल मरीजों के लिए 485 करोड़ और 14 लाख निजी अस्पताल मरीजों के लिए 2000 करोड़ से अधिक का भुगतान शामिल है।
नाफु की चल रही जांच
उन्होंने यह भी बताया कि नेशनल एंटी फ्रॉड यूनिट द्वारा चिन्हित 212 अस्पतालों की जांच चल रही है, जिसके कारण कुछ भुगतानों में देरी हुई है। इसके अलावा नए पोर्टर सिस्टम के कारण 350 अन्य अस्पतालों के भुगतानों में तकनीकी अड़चनें सामने आई हैं। जिन्हें शीघ्र सुलझाने के लिए विभाग लगातार नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) से संपर्क में है।
डॉक्टर का पहला धर्म सेवा, व्यापार नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को लेकर एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि रिम्स-2 का निर्माण कार्य शुरू किया जा रहा है, जो अगले दो वर्षों में पूरा होगा। यह नया मेडिकल संस्थान राज्य के लोगों को आधुनिक और उन्नत चिकित्सा सेवाएं प्रदान करेगा। उन्होंने भावुक अंदाज में कहा कि मैं पहले एक डॉक्टर हूं, फिर मंत्री। हमारा पहला धर्म सेवा है, और स्वास्थ्य व्यवस्था को कभी भी व्यापार नहीं बनने दिया जाएगा। जो अस्पताल ईमानदारी से काम करेंगे, उन्हें सरकार का पूर्ण सहयोग मिलेगा। लेकिन जो गड़बड़ी करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इनकी रही मौजूदगी
विभागीय सचिव अजय कुमार सिंह, अभियान निदेशक आबू इमरान, एएचपीआई के महानिदेशक डॉ गिरधर ज्ञानी, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ योगेश गंभीर, डॉ राजेश कुमार, डॉ सतीश ठाकुर, डॉ अनंत सिन्हा, डॉ अजय सिंह, डॉ शंभू, डॉ प्रदीप सिंह के साथ अन्य अधिकारी व प्रतिनिधि उपस्थित थे।