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Ranveer Allahabadia controversy : ब्रांड्स अब क्रिएटर्स पर कस रही लगाम, कई डील और शो हुए कैंसिल

ब्रांड्स अब ऐसे कैटेगरी से दूर रहना चाहती हैं, जैसे कि स्टैंडअप कॉमेडी, क्योंकि उन्हें डर है कि कॉमेडियन कोई विवादित मजाक न कर दें।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क : एक इन्फ्लुएंसर, एक कमेंट, एक वीडियो, लेकिन अनगिनत परिणाम। यूट्यूबर रणवीर अलाहाबदिया का ‘इंडिया गॉट लैटेंट’ शो में विवादित बयान न केवल उनके और शो में मौजूद अन्य क्रिएटर्स के खिलाफ एफआईआर का कारण बना, बल्कि इससे अन्य क्रिएटर्स को भी ब्रांड डील्स खोनी पड़ रही है, क्योंकि डील ऑफर करने वाली कंपनियां अब विवादों से बचना चाहती हैं, जिससे इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग स्पेस में हलचल मच गई है।

कई कॉमेडियन के शो राजस्थान में कैंसिल

व्लॉगर शेनाज़ ट्रेजरीवाला ने इस विवाद के कारण एक ब्रांड डील खो दी। उन्होंने बताया, “मैं एक प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी करने वाली थी, लेकिन अलाहाबादिया विवाद के बाद उन्होंने मुझे प्रोजेक्ट से हटा दिया।” इस विवाद का असर सिर्फ ब्रांड डील्स तक सीमित नहीं है। कई हास्य कलाकारों को खासकर राजस्थान में शो रद्द होने का सामना करना पड़ा। एक उदाहरण अपूर्वा मुखीजा का है, जिन्हें ‘इंडिया गॉट लैटेंट’ शो का हिस्सा होने के कारण IIFA पुरस्कार समारोह से हटा दिया गया।

बस्सी का लखनऊ का शो कैंसिल

स्टैंडअप कॉमेडियन अनुभव सिंह बसी के लखनऊ में शोज रद्द कर दिए गए, क्योंकि यूपी राज्य महिला आयोग ने उनके हास्य में आपत्तिजनक भाषा को लेकर आपत्ति जताई थी। ब्रांड्स अब ऐसे कैटेगरी से दूर रहना चाहती हैं, जैसे कि स्टैंडअप कॉमेडी, क्योंकि उन्हें डर है कि कॉमेडियन कोई विवादित मजाक न कर दें। इसके साथ ही इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में बदलाव आ रहा है, और कई बड़े इन्फ्लुएंसर अब अपने कंटेंट को लेकर सजग हो रहे है। हाल ही में ‘इंडिया इन्फ्लुएंसर गवर्निंग काउंसिल’ की शुरुआत की गई है, जो इन्फ्लुएंसर और ब्रांड्स को जिम्मेदार कंटेंट क्रिएशन के लिए दिशा-निर्देश देने का काम करेगी।

कंपनियां बना रही है नए कॉन्ट्रैक्ट्स

ब्रांड्स अब और सख्ती से इन्फ्लुएंसर का चयन कर रहे हैं और उनके कंटेंट पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप, कई एजेंसियां अपनी कानूनी प्रक्रियाओं को मजबूत कर रही हैं और नए कॉन्ट्रैक्ट अधिक स्पष्ट और जोखिम से बचने के उपायों से भरे हुए तैयार किए जा रहे हैं। यह घटना छोटे क्रिएटर्स के लिए एक अवसर भी बन सकती है, क्योंकि ब्रांड्स अब अपने इन्फ्लुएंसर पोर्टफोलियो को विविध करने के लिए छोटे और मिड-टियर इन्फ्लुएंसर के साथ साझेदारी कर सकते हैं।

2024 में 40.6 लाख हो गई है क्रिएटर्स की संख्या

भारत में इन्फ्लुएंसर की संख्या 2020 में 9.6 लाख से बढ़कर 2024 में 40.6 लाख हो गई है, लेकिन अधिकांश क्रिएटर्स अभी भी अपने कंटेंट से पैसा नहीं कमा पा रहे हैं। कुल मिलाकर, यह विवाद इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के क्षेत्र में नई गाइडलाइन्स, कानूनी सुरक्षा और ब्रांड्स के लिए अधिक सतर्कता की आवश्यकता को दर्शाता है।

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