Jamshedpur News: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा की वसीयत को लेकर चल रहे एक अहम मामले में बांबे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि रतन टाटा की लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों में जो हिस्सेदारी है, वह उनकी दो चैरिटेबल संस्थाओं रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट को बराबर हिस्से में दी जाएगी।
इस आदेश के साथ ही टाटा की सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजेभोय, और जमशेदपुर के बिरसानगर निवासी मोहिनी मोहन दत्ता को इस हिस्सेदारी से बाहर कर दिया गया है। इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि रतन टाटा की संपत्ति से इन नामों को लाभ मिल सकता है।
अदालत में पेश हुए दस्तावेजों में बताया गया कि जब टाटा की संपत्ति के प्रशासकों ने हाईकोर्ट से यह स्पष्ट करने को कहा कि रतन टाटा के इक्विटी पोर्टफोलियो का लाभ किसे मिलेगा, तो अदालत ने वसीयत और उससे जुड़े परिशिष्टों की वैधता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय सुनाया।
जस्टिस मनीष पिटाले की पीठ ने कहा कि रतन टाटा द्वारा लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियों में की गई निवेश की हिस्सेदारी उनकी वसीयत में अलग से निर्दिष्ट नहीं है, इसलिए इसे उनकी अवशिष्ट संपत्ति माना जाएगा और यह उनकी दोनों फाउंडेशन को बराबर-बराबर दी जाएगी।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वसीयत में किए गए परिशिष्ट, मूल वसीयत के मुकाबले अधिक प्रभावशाली होते हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसलों के अनुसार किसी व्यक्ति की वसीयत में परिशिष्टों के जरिये बदलाव वैध होते हैं।
टाटा की वसीयत के चौथे और अंतिम परिशिष्ट को लेकर कुछ उत्तराधिकारियों की ओर से सवाल उठाए गए थे, जिनमें यह मुख्य प्रश्न था कि क्या टाटा के शेयर पोर्टफोलियो को उनकी सौतेली बहनों और मोहिनी दत्ता को दिया जाना चाहिए या यह फाउंडेशन को मिलनी चाहिए। अदालत ने अंतिम परिशिष्ट के आधार पर यह स्पष्ट किया कि संपत्ति का वह हिस्सा फाउंडेशन को ही मिलेगा।
इस फैसले से झारखंड में भी चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि जमशेदपुर निवासी मोहिनी दत्ता का नाम पहले लाभार्थियों में जोड़ा जा रहा था। लेकिन अदालत के आदेश के बाद यह स्थिति साफ हो गई है कि वह टाटा की संपत्ति के उत्तराधिकारी नहीं होंगे।
प्रोबेट प्रक्रिया (Probate Process) भी शुरू हो सकेगी, जो कि कानूनी रूप से किसी वसीयत को लागू करने की अंतिम प्रक्रिया होती है। यह प्रक्रिया लगभग एक महीने में पूरी होने की संभावना है।