नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025 में आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। शुक्रवार को गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती की है। इस कटौती के बाद रेपो रेट अब 5.5 फीसदी हो गई है, जो लगभग 3 वर्षों में सबसे निचला स्तर है।
इस निर्णय का सीधा असर होम लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर पड़ेगा, जिससे ईएमआई कम होगी और उपभोक्ताओं को दीर्घकालिक वित्तीय राहत मिलेगी।
क्या है रेपो रेट और इसका मतलब क्या है
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को अल्पकालिक कर्ज देता है। रेपो रेट में कटौती का मतलब है कि बैंकों के लिए फंडिंग सस्ती हो जाती है, जिससे वे उपभोक्ताओं को सस्ती ब्याज दरों पर ऋण दे सकते हैं।
होम लोन EMI पर RBI रेपो रेट कटौती का प्रभाव
उदाहरण :
लोन राशि : ₹ 50 लाख
अवधि : 30 साल
पुरानी ब्याज दर : 8.70%
नई ब्याज दर : 8.20%
विवरण पहले : अब : बचत
EMI रु 39,136 : रु 37,346 : रु 1,790 प्रतिमाह
वार्षिक बचत – – रु 21,480
30 साल में कुल बचत – – रु 6.44 लाख (लगभग)
निष्कर्ष : मासिक EMI में मामूली कमी लग सकती है, लेकिन दीर्घकालिक रूप से यह लाखों की बचत में बदल सकती है।
पर्सनल लोन EMI पर असर
उदाहरण :
लोन राशि : रु 5 लाख
अवधि : 5 साल
पहले ब्याज दर : 12%
नई ब्याज दर : 11.50%
विवरण पहले : अब : बचत
EMI रुपये 11,122 : रु 10,963 : रु 159 प्रतिमाह
वार्षिक बचत – – रु 1,908
5 साल में कुल बचत – – रु 9,540
CRR में भी राहत
RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 100 बेसिस प्वाइंट घटाकर 4% से 3% कर दिया है। इससे बैंकों के पास ज्यादा लिक्विडिटी आएगी, जिससे कर्ज देना और भी आसान होगा।
अब तक की कुल कटौती : 2025 की पहली छमाही में 100 बीपीएस की राहत
फरवरी 2025 : 25 बीपीएस
अप्रैल 2025 : 25 बीपीएस
जून 2025 : 50 बीपीएस
कुल कटौती : 100 बीपीएस
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