पटना: बिहार में शिक्षा सेवकों की बहाली को लेकर एक बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य के शिक्षा विभाग ने 2206 रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि चयन प्रक्रिया को तय समय सीमा के भीतर हर हाल में पूरा करना होगा।
महादलित, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों को मिलेगा लाभ
शिक्षा सेवकों की यह नियुक्ति राज्य सरकार की महादलित, दलित एवं अल्पसंख्यक अति पिछड़ा अक्षर आंचल योजना के तहत की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य है कि समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों के बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिल सके। इस पहल के माध्यम से राज्य के दूरदराज और पिछड़े इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है।
वर्क कैलेंडर हुआ जारी, सर्वेक्षण में तेजी लाने के निर्देश
शिक्षा विभाग ने पहले ही सभी जिलों को बहाली प्रक्रिया के लिए वर्क कैलेंडर जारी कर दिया था। हालांकि कुछ जिलों में सर्वेक्षण कार्य में देरी के कारण चयन प्रक्रिया प्रभावित हुई। अब विभाग ने दोबारा स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी जिलों को प्राथमिकता के आधार पर सर्वेक्षण कार्य को तेजी से पूरा करना होगा और तय समय सीमा के भीतर चयन प्रक्रिया को पूर्ण करना होगा।
निर्धारित समयसीमा:
- जिन जिलों में सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है, वहां 15 जून 2025 तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
- जिन जिलों में सर्वेक्षण कार्य अभी अधूरा है, वहां यह प्रक्रिया 30 जून 2025 तक पूरी करने का निर्देश दिया गया है।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में अहम कदम
इस बहाली प्रक्रिया के माध्यम से बिहार सरकार का लक्ष्य राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना है। खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को पहुंचाने पर जोर दिया जा रहा है। विभाग का मानना है कि पारदर्शी तरीके से की जा रही यह चयन प्रक्रिया राज्य के छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा का आधार बनेगी और शिक्षा के क्षेत्र में बिहार को नई दिशा देगी।