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रिटायरमेंट में सिर्फ पेंशन नहीं, रियल एस्टेट से भी मिल सकती है ‘राजाओं जैसी जिंदगी’ – जानें हर उम्र के हिसाब से बेस्ट इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी

बड़े लोन और रिस्की प्रोजेक्ट से बचें। ऐसी प्रॉपर्टी लें जो रेंटल इनकम दे और रख-रखाव आसान हो.

by Reeta Rai Sagar
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55 से लेकर 75 साल तक, रियल एस्टेट में निवेश आपके रिटायरमेंट को बना सकता है फाइनेंशियल फ्रीडम का आधार

सेंट्रल डेस्क : रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी को अक्सर लोग सिर्फ पेंशन, म्यूचुअल फंड या SIP जैसे विकल्पों तक सीमित मानते हैं, लेकिन अगर समझदारी से रियल एस्टेट में निवेश किया जाए तो आप न सिर्फ स्थिर इनकम पा सकते हैं, बल्कि अपने जीवन के इस नए फेज़ को बिना किसी फाइनेंशियल तनाव के ‘राजाओं जैसी जिंदगी’ की तरह जी सकते हैं। चाहे आप 55 की उम्र में रिटायरमेंट की दहलीज़ पर खड़े हों या 75 साल के बाद सुरक्षित और आरामदायक जीवन की तलाश में हों – हर स्टेज के लिए एक अलग रियल एस्टेट स्ट्रैटेजी जरूरी है।

रिटायरमेंट के शुरुआती साल (55 से 65 वर्ष): ग्रोथ के साथ इनकम का सही संतुलन

मोतिया ग्रुप के डायरेक्टर एल.सी. मित्तल के मुताबिक, ’55 से 65 वर्ष की उम्र निवेश के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस उम्र में व्यक्ति के पास धन और समय दोनों होते हैं। ऐसे में यदि आप थोड़ा रिस्क ले सकते हैं, तो मेट्रो सिटी के आउटर एरिया में फ्लैट या प्लॉट खरीदना एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। यहां से आपको 8-12% तक सालाना रिटर्न की संभावना रहती है’।
अगर आप रिस्क से बचना चाहते हैं, तो रेडी-टू-मूव फ्लैट्स या रेंटल इनकम वाली कमर्शियल प्रॉपर्टी जैसे ऑफिस स्पेस या शॉप में निवेश करना समझदारी होगी।

इस उम्र में ध्यान रखने योग्य बातें

• लोकेशन की गुणवत्ता (हॉस्पिटल, ट्रांसपोर्ट, मार्केट के पास)
• भविष्य में प्रॉपर्टी की वैल्यू ग्रोथ
• मेंटेनेंस कम और इनकम स्थिर
एल.सी. मित्तल कहते हैं, ‘रिटायरमेंट की यह स्टेज फ्रीडम की शुरुआत है। सही निवेश, आपको फाइनेंशियल स्वतंत्रता देता है’।

रिटायरमेंट के बाद की स्थिरता (65 से 75 वर्ष) : आराम और सुरक्षा सबसे अहम

RPS ग्रुप के डायरेक्टर अमन गुप्ता बताते हैं, ’65 की उम्र के बाद निवेश का मकसद बदल जाता है। अब फोकस सिर्फ रिटर्न पर नहीं, बल्कि आरामदायक और सुरक्षित जीवन पर होना चाहिए’।

इस उम्र में इन्वेस्टमेंट के लिए ये विकल्प बेहतरीन

• सीनियर सिटीजन फ्रेंडली होम्स (ग्राउंड फ्लोर, लिफ्ट, गेटेड सोसाइटी)
• हेल्थकेयर के पास लोकेशन
• रिटायरमेंट होम्स या हिल स्टेशन में प्रॉपर्टी
• कम्युनिटी लिविंग का विकल्प, जहां आपकी उम्र के लोग रहते हों
अमन गुप्ता का सुझाव : ‘बड़े लोन और रिस्की प्रोजेक्ट से बचें। ऐसी प्रॉपर्टी लें जो रेंटल इनकम दे और रख-रखाव आसान हो’।यहां आपको 3-5% तक सालाना किराये की आमदनी मिल सकती है।

हर फेज़ के लिए अलग रणनीति : अनुराग गोयल की सलाह

गोयल गंगा डेवलपमेंट्स के डायरेक्टर अनुराग गोयल के अनुसार, ‘रिटायरमेंट के हर स्टेज में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट की स्ट्रैटेजी थोड़ी अलग होनी चाहिए’।

50-60 वर्ष (प्री-रिटायरमेंट फेज़)

• रेंटल इनकम देने वाली प्रॉपर्टी में निवेश करें
• 1BHK फ्लैट्स या स्टूडेंट हाउसिंग में इन्वेस्ट करें
• 5-7% तक रेंटल इनकम संभव
• लोकेशन का ग्रोथ पोटेंशियल देखें (8-10% सालाना प्रॉपर्टी ग्रोथ)
60-70 वर्ष (सेमी-रिटायरमेंट फेज़)

• कम मेंटेनेंस और स्टेबल इनकम पर फोकस करें
• सीनियर लिविंग कम्युनिटी, छोटे टाउनशिप फ्लैट्स
• 3-5% सालाना रिटर्न

70 वर्ष के बाद (पोस्ट-रिटायरमेंट फेज़)

• निवेश को सेफ और लिक्विड रखें
• यदि जरूरत हो तो प्रॉपर्टी को मोनेटाइज करें
• फिक्स्ड डिपॉजिट्स और रेगुलर इनकम स्कीम्स में पैसे लगाएं
• अगर सही समय पर बेचा जाए तो 10-15% तक कैपिटल गेन मिल सकता है।

सही निवेश ही असली फ्रीडम की चाबी है

रिटायरमेंट कोई रुकावट नहीं, बल्कि जीवन की नई शुरुआत है – और रियल एस्टेट इसमें आपकी सबसे बड़ी ताकत बन सकता है। बस ज़रूरत है सही उम्र, सही लोकेशन और सही प्रकार की प्रॉपर्टी को पहचानने की।

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