रांची : जिले में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में राइट टू एजुकेशन (Right to education) के तहत नामांकन को लेकर चहलकदमी तेज हो गई है। जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिया है। साथ ही सभी निजी स्कूलों को हर हाल में 25 प्रतिशत तक बीपीएल कोटे के तहत नामांकन लिए जाने का निर्देश दिया है। इसका सभी निजी स्कूल अनुपालन करेंगे, नियमों की उल्लंघना करने वालों पर विभागीय शिकंजा कसा जाएगा।
बता दें कि 8 से 22 फरवरी तक बीपीएल कोटे के तहत नामांकन लेने वालों काे सभी प्रक्रिया पूरी कर आनलाइन आवेदन मांगा गया है। इसके बाद 25 फरवरी तक संबंधित स्कूल के कार्यालय में आवेदन की प्रति जमा करेंगे। नर्सरी व एलकेजी में नामांकन के लिए उम्र सीमा 3 वर्ष 6 माह से 4 वर्ष 6 माह के बीच एवं कक्षा एक में नामांकन के लिए 5 वर्ष 6 माह से 7 वर्ष तय की गई है।
Right to education
इस प्रावधान के तहत सभी निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत तक ऐसे बच्चों का नामांकन लेना है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। इसे लेकर एसोसिएशन फॉर परिवर्तन ऑफ नेशन की ओर से एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था। जिसमें डिस्ट्रिक्ट लेवल कैपेसिटी बिल्डिंग वर्कशाप आन राइट टू एजुकेशन कैंपेन…विषय पर अभिभावकों को जागरूक किया गया।
ये है प्रावधान :
– कक्षा आठवीं तक नि: शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान
– झारखंड में इस योजना का लाभ 3 से 7 साल की उम्र के बच्चों को मिलता है
– बच्चे के माता पिता को जरूरी कागजात जैसे बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, आवासीय प्रमाणपत्र और बीपीएल कार्ड या जाति या इनकम सर्टिफिकेट जमा करना पड़ता है
– निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल जैसे डीएवी, डीपीएस व गुरुनानक आदि स्कूल में न्यूनतम 25 प्रतिशत बच्चों को बिना किसी शुल्क के नामांकित करने का है प्रावधान
घटी है नामांकन की संख्या :
झारखंड में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत नामांकन की संख्या घटी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में चल रहे निजी स्कूलों ने नामांकन लिया नहीं है या फिर अभिभावकों ने नामांकन लेने की कोशिश नहीं की है। इस रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक साल प्राइवेट स्कूलों में आरटीई के तहत होने वाले नामांकन में संख्या कम हुई है। राज्य सरकार ने साल 2018 में 13263, साल 2019 में 14045 और साल 2020 में 11,766 स्टूडेंट के लिए राशि आवंटित की थी।
साल 2019 और 21 के बीच यह आंकड़ा 40 प्रतिशत है। शिक्षा विभाग की ओर से रांची जिले में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए एक करोड़ 33 लाख 86 हजार 419 रुपये आवंटित किए गए। वहीं कई अभिभावकों ने कहा कि सरकार ने सिर्फ आठवीं कक्षा तक के लिए ही इस योजना का लाभ दिया है। आगे की पढ़ाई के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।
राइट टू एजुकेशन का लाभ सिर्फ आठवीं कक्षा तक ही न मिले। आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए सरकार उच्च शिक्षा में भी निश्शुल्क शैक्षणिक व्यवस्था करें। ताकि इसका लाभ बच्चों को मिले और वे बेहतर पठन पाठन कर सके।
: नसीम अहमद, प्रदेश प्रवक्ता, अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ झारखंड प्रदेश।
सभी निजी स्कूलों को राइट टू एजुकेशन पालिसी को शत प्रतिशत लागू करने का निर्देश दिया गया है। जहां कहीं भी इसका अनुपालन नहीं होगा, उसकी जांच होगी। दोषी पाए जाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
: मिथिलेश केरकेट्टा, जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची।