SUHAIB ANSARI @ RANCHI : झारखंड में आपराधिक घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य के अलग-अलग जिलों में लगातार लूट और डकैती की घटनाएं सामने आ रही हैं। कहीं, रात के अंधेरे में तो कहीं दिनदहाड़े लूट और डकैती की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा। पुलिस जब तक एक मामले को सुलझाती है, तब तक दूसरी घटना सामने आ जाती है। लूट और डकैती जैसे मामलों में नकेल लगाना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
झारखंड में दिनदहाड़े हो रही लूट और डकैती की वारदात / क्या कहते हैं आंकड़े
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, झारखंड के अलग-अलग जिलों में 12 महीनों में (जुलाई 2022-जून 2023 तक) लूट के 643 मामले और डकैती के 110 मामले दर्ज किए गए हैं। लूट के सबसे अधिक 137 मामले रांची में दर्ज हुए हैं। जमशेदपुर में 116 मामले दर्ज किए गए हैं। रेल जमशेदपुर में सबसे कम 01 मामले दर्ज हैं। वहीं राज्य में डकैती के सबसे अधिक मामले देवघर जिले में दर्ज किए गए हैं।
यहां 20 मामले दर्ज हैं। जबकि रांची में 06 और जमशेदपुर में 06 मामले दर्ज हैं। वहीं बोकारो, रेल धनबाद और रेल जमशेदपुर में एक भी मामले दर्ज नहीं किए हैं।
चेकिंग के बावजूद अपराधी उड़ा रहे पैसे और आभूषण
डीजीपी के आदेश पर राज्य के हर जिलों में लगातार पुलिस एंटी क्राइम चेकिंग कर रही है। इस बीच अपराधी पुलिस की नाक के नीचे से घटनाओं को अंजाम देकर निकल जा रहे हैं। कहीं बैंक से पैसा निकाल कर जा रहे लोगों से बंदूक की नोक पर लूटपाट और डकैती हो रही है। कहीं चेन-पर्स उड़ाए जा रहे है। हालांकि, पुलिस कई मामलों में अपराधियों को गिरफ्तार कर रही है बावजूद इस अपराध पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग पा रहा।
किस जिले में कितने लूट के मामले :
जिला मामला
रांची 137
खूंटी 11
गुमला 09
सिमडेगा 07
लोहरदगा 13
चाईबासा 21
सरायकेला 09
जमशेदपुर 116
पलामू 36
लातेहार 08
गढ़वा 20
हजारीबाग 32
रामगढ़ 10
कोडरमा 09
चतरा 28
गिरिडीह 29
धनबाद 24
बोकारो 18
दुमका 15
गोड्डा 11
जामताड़ा 03
देवघर 58
साहिबगंज 13
पाकुड़ 05
रेल धनबाद 00
रेल जमशेदपुर 01
कुल 643 (नोट: आंकड़े जुलाई 2022 से जून 2023 तक)
डकैती के मामले :
जिला मामला
रांची 06
खूंटी 03
गुमला 02
सिमडेगा 02
लोहरदगा 01
चाईबासा 06
सरायकेला 01
जमशेदपुर 06
पलामू 03
लातेहार 03
गढ़वा 04
हजारीबाग 04
रामगढ़ 04
कोडरमा 02
चतरा 04
गिरिडीह 07
धनबाद 10
बोकारो 00
दुमका 11
गोड्डा 01
जामताड़ा 04
देवघर 20
साहिबगंज 04
पाकुड़ 02
रेल धनबाद 00
रेल जमशेदपुर 00
कुल 110 (नोट: आंकड़े जुलाई 2022 से जून 2023 तक)
लूट में सजा का प्रावधान :
लूट के मामले में, अपराधी को आइपीसी की धारा 392 के तहत कठोर कारावास की सजा दी जाती है, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है। सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच किसी भी राजमार्ग पर लूट की जाती है तो कारावास 14 साल तक बढ़ सकता है।
डकैती में ये है सजा का प्रावधान:
भारतीय दंड संहिता की धारा 395 के अनुसार, जो भी कोई डकैती करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कठिन कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
डकैती और लूट में क्या है अंतर ?
डकैती के अपराध को आईपीसी, 1860 की धारा 395 द्वारा समझाया गया है। लूट और डकैती के बीच प्रमुख अंतर अपराध करने के दौरान मौजूद लोगों की संख्या है। यदि लूट करने वाले व्यक्तियों की संख्या पांच या अधिक है तो डकैती का अपराध होगा। उदाहरण के लिए, A, B, C, D और E वे व्यक्ति हैं जिन्होंने रात के दौरान बैंक को लूटने का फैसला किया। E अपने हाथ में बंदूक लेकर दरवाजे पर खड़ा था ताकि कोई भी बैंक में प्रवेश न कर सके, जबकि अन्य चार लॉकर तोड़ने में व्यस्त थे। सभी पांच लोग डकैती के अपराध के लिए उत्तरदायी होंगे।
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