देवघर : श्रावणी मेला का दूसरा सोमवार और आस्था का समंदर ऐसा उमड़ा है कि देवघर का कोना कोना गेरूआमय हो गया है। तकरीबन तीन लाख भक्तों के पहुंचने का दृश्य दिखाई दे रहा है। भीड़तंत्र को नियंत्रित रखने की पूरी कोशिश है। बीएड कालेज परिसर में बने होल्डिंग प्वाइंट से क्यू को पूरी तरह नियंत्रित किया जा रहा है।

जय शिव… जय शिवशंकर…, हे भोलेनाथ तेरी महिमा अपरंपार… का जयघोष हो रहा है। बाबा मंदिर से 15 किलोमीटर दूर तक लंबी कतार है। यह रूटलाइन के टेल प्वाइंट कुमैठा को छू रही है। पूजा-अर्चना के लिए कतार में जाने का सिलसिला रात 12 बजे के बाद धीरे-धीरे शुरू हो गया था। नंदन पहाड़ की वादियों को देखकर थके हारे कांवरिया, कतार से निकलकर आराम करने के लिए बैठ गए। इसमें कुछ बम भाई मोबाइल से तस्वीर उतारने में जुटे थे।
बाबा मंदिर में भक्ति की बयार

बाबा मंदिर में भक्ति की बयार बह रही है। और उस बयार से मंदिर प्रांगण ही नहीं पूरा बाबाधाम सुवासित हो रहा है। सावन का दूसरा सोमवार है और एकादशी भी। रविवार रात 10 बजे से भोलेनाथ के भक्त सोमवार को पूजा करने की लालसा मन में रखकर कतार में लगने के लिए जाने लगे थे। प्रशासनिक व पुलिस पदाधिकारी पूरी रात आंखों में काट गए। पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग के साथ रात दस बजे के बाद तक मेला क्षेत्र और रूटलाइन की व्यवस्थाओं को देखते रहे।
सुबह तीन बजकर पांच मिनट पर खुला पट
द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ का पट सुबह तीन बजकर पांच मिनट पर खोला गया। परंपरा के मुताबिक सबसे पहले काचाजल अर्पित किया गया। इस समय केवल तीर्थपुरोहित परिवार के सदस्य थे। मंदिर के सरदार पंडा गुलाब नंद ओझा ने प्रात:कालीन पूजा पूरे विधि विधान से तांत्रिक विधि से किया। पूजा में पुजारी सहयोग कर रहे थे।
जब पूजा शुरू हुई तो मंदिर में चमक रही दुधिया रोशनी मन को पुष्प की तरह पुलकित कर रहा था। आसमान मे बादलों से झांकता चांद यह बता रहा था कि ब्रह्म मुहूर्त है। कहते हैं कि देवघर में शिव और शक्ति विराजमान हैं। सुबह की पूजा के वक्त सारे देवी-देवता भी आते हैं। कुछ ऐसा ही आभास उन भक्तों को हो रहा था, जो मन के मंदिर में भोलेनाथ को बसाकर देवघर आए हैं। पुलिस का इंतजाम चुस्त है। बाह्य अरघा से जलार्पण के लिए भी लंबी कतार लगी है। यह कतार पश्चिम दरवाजे से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कर रही है।
इधर अचानक गर्भगृह से आवाज गूंजती है हर हर महादेव…। बाबा बैद्यनाथ की जय…, मैया पार्वती की जय …। यह सुनते ही मंदिर प्रांगण के संस्कार भवन में कतारबद्ध हजारों कांवरियों ने जयकारा लगाया बोलो बाबा बैद्यनाथ की जय…। बोल बम…, बोल बम…। अब यह बोल प्रांगण में गूंजने लगा। भक्तों में स्फूर्ति आ गई, क्योंकि अब उनके दर्शन की बारी आ गयी थी। प्रातःकालीन पूजा पूरा हो गई। वाॅकी-टाॅकी पर आवाज सुनायी दी कि कांवरियों को धीरे-धीरे आगे बढ़ने दें। और, कपाट खोल दिया गया। बोल बम के बीच जलाभिषेक का सिलसिला शुरू हो गया। संभवत: सोमवार को रात 10 बजे के आसपास मंदिर का कपाट बंद होगा।
रात दस बजे कतार में, पांच बजे चढ़ाया जल
बिहार के अररिया से चार युवकों की टोली पूजा कर निकली तो उनका मन बहुत खुश। खगड़िया शहर के दान नगर से आए दो भक्तों ने कहा कि वह रात दस बजे कतार में लगने चले गए थे। मंदिर से चार किलोमीटर दूर चिल्ड्रेन पार्क के पास यह कतार में लगे थे। बताया कि सुबह तीन बजे पुलिस ने आवाज दिया कि बम मंदिर बढ़ने के लिए तैयार हो जाइए। और दस मिनट बाद लाइन चलने लगी। जब यह पूजा करके निकले थे, तब पांच बज रहे थे। बोले अच्छी व्यवस्था है। पूजा करने की कतार में बम लोग खुद आपाधापी करते हैं। भीड़ रहने के बावजूद पुलिस संयमित होकर नियंत्रित करती रही। मुकेश ने कहा कि आने में और पूरी रात आंखों में काटने में जो कष्ट होता है। वह भोलेनाथ के दरबार में पहुंचते ही छू मंतर हो जाता है। यही तो बाबा बैद्यनाथ की असीम कृपा है।