- कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
नई दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 25 हजार शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए भर्ती को अवैध करार दिया। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह राहत दी कि इन नियुक्त कर्मचारियों को अब तक मिले वेतन को लौटाने की जरूरत नहीं होगी।
भर्ती प्रक्रिया में धांधली, नियुक्ति अवैध
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह नियुक्तियां गलत तरीके से की गई थीं। कोर्ट ने माना कि यह भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी और इसमें कई अनियमितताएं थीं।
नई भर्ती प्रक्रिया में पात्र उम्मीदवारों को मिल सकती है छूट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि नई भर्ती प्रक्रिया में उन अभ्यर्थियों को मौका दिया जा सकता है जो इस घोटाले में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे। यानी वे उम्मीदवार, जो नियमानुसार योग्य हैं, वे दोबारा आवेदन कर सकते हैं।
पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका
पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। सरकार का तर्क था कि अगर 25 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द की जाती है, तो इससे राज्य के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था ठप हो सकती है।
डिजिटल रिकॉर्ड रखने की जिम्मेदारी अफसरों की
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नियुक्तियों से संबंधित सभी डिजिटल रिकॉर्ड को संरक्षित रखना अधिकारियों की जिम्मेदारी थी। अदालत ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया एक सुनियोजित साजिश थी।
22 अप्रैल 2024 को आया था कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला
कलकत्ता हाई कोर्ट ने 22 अप्रैल 2024 को शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की भर्ती को अवैध करार दिया था। कोर्ट ने 24 हजार से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्तियों को रद्द करने का आदेश दिया था और कहा था कि उन्हें अब तक मिला वेतन लौटाना होगा।
7 मई 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी हाई कोर्ट के फैसले पर रोक
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई 2024 को कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी थी। तत्कालीन चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में बेंच ने कहा था कि इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।
अब आगे क्या होगा
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल सरकार को नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी होगी। अब योग्य उम्मीदवारों को मौका देने के लिए सरकार को नई नीति बनानी होगी।