Home » क्या डायबिटीज में शकरकंद खाना चाहिए या नहीं?

क्या डायबिटीज में शकरकंद खाना चाहिए या नहीं?

by Rakesh Pandey
क्या डायबिटीज में शकरकंद खाना चाहिए या नहीं?
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

डायबिटीज: आज के दौड़-भाग वाली जिंदगी में खाना आहार का महत्व काफी बढ़ गया है। क्योंकि सही खानापान नहीं होने के कारण स्वास्थ्य पर असर हो रहा है, जिसे ठीक रखना हमारे हाथ में है। आधुनिक लाइफस्टाइल में कई बीमारियां आम हो गयी है, उसमें डायबिटीज भी एक है।

इसके पीछे बदलती जीवनशैली और खान-पान की गलत आदतें हो सकती हैं। डायबिटीज को कंट्रोल करने में आहार का अहम योगदान हो सकता है। अगर आपके मन में भी यह सवाल आता है कि डायबटीज पीड़ितों को शकरकंद का सेवन करना चाहिए या नहीं, तो विशेषज्ञों की सुनें। डॉक्टर कहते हैं कि शकरकंद, जिसमें गुड फाइबर होता है, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कई गंभीर बीमारियों को आपसे दूर रखता है और डायबीटिक पेशेंट के लिए एक स्वस्थ विकल्प हो सकता है। इसमें मौजूद कई गुणकारी तत्व शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करती है।

डायबिटीज क्या है?
विशेषज्ञों का कहना है-डायबिटीज एक अस्थिर रोग है, जिसमें रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज दो तरह के होते हैं, टाइप-1 और टाइप-2। टाइप एक में पैंक्रियास इंसुलिन नहीं बनते हैं, जबकि टाइप दो में शरीर इंसुलिन का सही तरह से उपयोग नहीं करता है।

शकरकंद और फायदे
-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) कम होता है : शकरकंद का जीआई कम होता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

– अच्छा फाइबर सोर्स : शकरकंद में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जिससे पाचन क्रिया में सुधार होता है और खाने का भारी मिजाज कम होता है। यह ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है।

– आयरन का स्रोत: शकरकंद में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो ब्लड की कमी को दूर करने में मदद कर सकती है।

– विटामिन सी: शकरकंद में विटामिन सी होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद कर सकता है और डायटीज पीड़ित को बीमारियों से बचाने में सहायक होता है।

– एंटीऑक्सीडेंट्स: शकरकंद में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कैंसर और दिल के रोगों के खिलाफ रक्षा करने में मदद कर सकते हैं।

डायबिटीज पेशेंट कितनी मात्रा में शकरकंद खाएं

अमेरिका के डिपार्मेंट आफ एग्रीकल्चर के विशेषज्ञों की मानें, तो डायबिटीज के मरीज को एक मध्यम आकार के शकरकंद का आधा हिस्सा ही खाना चाहिए, क्योंकि यह 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट के बिल्कुल बराबर होगा। हालांकि, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन-सी, आयरन, मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होता है, लेकिन इस बात का खास ख्याल रखें कि हर डायबिटीज पेशेंट का डाइट और पोर्शन साइज अलग-अलग होता है। इसलिए शकरकंद को अपने डाइट में शामिल करने के पहले डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह जरूर लें।

कैसे पकाएं शकरकंद को

जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन एंड मेटाबॉलिज्म में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, शकरकंद के जीआई (ग्लाइसिमिक इंडेक्स) की लेवल की मात्रा कम रखकर इसका सेवन करना बेहद महत्वपूर्ण है। खाना बनाने के कई ऐसे तरीके हैं, जिससे जीआई लेवल बढ़ सकता है, जैसे की बेकिंग और रोस्टिंग। यह दोनों प्रक्रिया शकरकंद के जीआई लेवल को पीक पर ले जाता है। ऐसे में सबसे बेहतरीन विकल्प यही है कि आप शकरकंद को उबालकर खाएं, इससे ग्लाइसिमिक इंडेक्स की रैंकिंग कम से कम रहेगी। अगर हो सके तो इसे छिलके के साथ खाएं, ताकि फाइबर की मात्रा किसी तरह से कम न हो।

सुझाव और सतर्कता

– डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को शकरकंद खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

– शकरकंद को अधिक मिताहार में नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें भी कार्बोहाइड्रेट्स होता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है।

– फाइबर से भरपूर शकरकंद, ब्लड शुगर बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इसलिए सही मात्रा में शकरकंद खाने से ज्यादा फायदा होता है, इसलिए मात्रा को संयमित रखना महत्वपूर्ण है।

-अगर आप शकरकंद को एक सीमित मात्रा में ना लें, तो यह आपके ऊपर नकारात्मक डाल सकता है और आपके ब्लड शुगर के लेवल को अतिरिक्त मात्रा में बढ़ाने का काम कर सकता है।

शकरकंद एक स्वस्थ और पौष्टिक आहार हो सकता है, डायबिटीज के मरीजों के लिए, लेकिन सभी के लिए एक ही नियम नहीं होता। अति सर्वत्र वर्जयेत् अर्थात किसी भी चीज की आती बुरी है (Excess of anything is bad.) इसलिए इसे संयमित रूप से और डॉक्टर की सलाह के साथ खाना चाहिए, ताकि यह सही तरह से आपके स्वास्थ्य को बनाए रख सके।

READ ALSO: महिलाओं में थायराइड अधिक? गर्भावस्था व डिलिवरी के तीन माह पूर्व 44 प्रतिशत हो जाती शिकार

Related Articles