सेंट्रल डेस्क : कनाडा में खालिस्तान के खिलाफ खुलकर बोलना हिंदू सांसद चंद्र आर्य को महंगा पड़ गया। सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी ने उन्हें आगामी चुनाव में टिकट देने से इनकार कर दिया है। चंद्र आर्य ने खुद इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि पार्टी ने नेपियन सीट से उनका नामांकन रद्द कर दिया है।
तीन बार के सांसद को पार्टी ने किया बाहर
62 वर्षीय चंद्र आर्य 2015 से कनाडा की संसद में नेपियन सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और खालिस्तानी गतिविधियों के मुखर आलोचक रहे हैं। ऐसे में उनकी उम्मीदवारी रद्द करने का फैसला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
काफी पहले लिया गया था फैसला
लिबरल पार्टी के राष्ट्रीय अभियान सह-अध्यक्ष एंड्रयू बेवन के पत्र के अनुसार, यह निर्णय काफी पहले लिया जा चुका था। खास बात यह है कि चंद्र आर्य को टिकट न देने का फैसला पार्टी ने तब लिया, जब पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह नए नेतृत्व की दौड़ शुरू होने में करीब दो महीने बचे थे। खालिस्तान समर्थकों के प्रति नरमी बरतने के आरोपों से घिरी लिबरल पार्टी के इस कदम को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी ने जानबूझकर खालिस्तान विरोधी आवाज को दबाने की कोशिश की है?
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