फीचर डेस्क : Sri Ganesh puja 2024 : आज से गणेश उत्सव का शुभारंभ हो चुका है, जो अगले 10 दिन तक चलेगा। इस दौरान न केवल बड़े-बड़े पंडालों में गणपति की प्रतिमा विराजित की जाती है, बल्कि घरों में भी विधिवत इनकी पूजा की जाती है और गणपति की प्रतिमा-मूर्ति स्थापित की जाती है। इन 10 दिनों में तरह-तरह से लोग गजानन की पूजा आराधना करते हैं, ऐसे में गणेश उत्सव के दौरान आप घर पर किस तरीके से पूजा कर सकते हैं।
Sri Ganesh puja 2024 : 6 शुभ योग में गणेश चतुर्थी 2024
ब्रह्म योग : सुबह 6.02 बजे से रात 11.17 बजे तक, इंद्र योग: रात 11.17 बजे से कल पूरे दिन, रवि योग : सुबह 6:02 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक, सर्वार्थ सिद्धि योग : दोपहर 12.34 बजे से कल (रविवार) सुबह 6.03 बजे तक, चित्रा नक्षत्र : प्रात:काल से दोपहर 12.34 बजे तक, स्वाति नक्षत्र : दोपहर 12.34 बजे से कल दोपहर 3.31 बजे तक।
Sri Ganesh puja 2024 : गणेश चतुर्थी 2024 मुहूर्त
भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि का प्रारंभ : 6 सितंबर, शुक्रवार, दोपहर 3.01 बजे से भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन : 7 सितंबर, शनिवार, शाम 5.37 बजे तक गणेश पूजा मुहूर्त : 11.03 बजे से दोपहर 1.34 बजे तक।
Sri Ganesh puja 2024 : गणेश चतुर्थी की पूजन सामग्री
गणेश भगवान की मिट्टी की प्रतिमा, एक चौकी, पीले रंग का नया कपड़ा, केले के पौधे, पताका, गणेशजी के लिए नए वस्त्र, जनेऊ, गंगाजल, पंचामृत, अक्षत, चंदन, फूल, माला, दूर्वा (दूब घास), धूप, दीप, गंध, पान का पत्ता, सुपारी, रक्षासूत्र या मौली, कलश, नारियल, पंचमेवा, आम के पत्ते, पवित्री, कपूर, सिंदूर, गाय का घी, सेब, केला आदि मौसमी फल, नैवेद्य, भोग के लिए मोदक या लड्डू।
Sri Ganesh puja 2024 : गणेश चतुर्थी 2024 पूजा विधि
सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त में आप अपने घर के आंगन या पूजा स्थान पर मंडप बनाकर उसे अच्छे से सजा लें। फिर ईशान कोण में भगवान गणेश की सुंदर प्रतिमा की स्थापना एक चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर करें। इसके लिए ‘अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च। श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।’ मंत्र का उच्चारण करें। इसके बाद विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का पंचामृत स्नान और गंगाजल से अभिषेक करें। उनको चंदन, फूल, माला, वस्त्र, जनेऊ आदि से सुशोभित करें, फिर अक्षत्, चंदन, सिंदूर, फूल, दूर्वा, धूप, दीप आदि से विघ्नहर्ता गणपति महाराज की पूजा करें।
फिर गणपति बप्पा को मोदक या लड्डू, केला, नारियल आदि का भोग लगाएं. गणेश चतुर्थी की व्रत कथा और श्री संकटमोचन श्री गणेश स्त्रोत का पाठ करें। उसके बाद गणेश जी की आरती करें। पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना करते हुए मनोकामना पूर्ति का निवेदन करें। गणेश जी की कृपा से आपके संकट मिटेंगे और काम सफल सिद्ध होंगे। पूजा के बाद लोगों में प्रसाद वितरित करें।