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बच्चों की कहानी में पात्रों का चयन बेहद महत्वपूर्ण: नेहा

by The Photon News Desk
Srijan Samvad
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जमशेदपुर: ‘सृजन संवाद’(Srijan Samvad) जमशेदपुर, की 133वीं संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को स्ट्रीमयार्ड तथा फ़ेसबुक लाइव पर किया गया। इसमें करीम सिटी कॉलेज के मासकॉम विभाग की सहभागिता रही। ‘सृजन संवाद’ की इस गोष्ठी में चिल्ड्रेन बुक इलस्ट्रेटर नेहा रावत आमंत्रित थीं। उन्होंने ‘अपनी यात्रा’ पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम का संचालन ‘यायावरी वाया भोजपुरी’ फ़ेम के वैभव मणि त्रिपाठी ने किया। सर्वप्रथम ‘सृजन संवाद’ (Srijan Samvad)की संयोजिका डॉ. विजय शर्मा ने सबका स्वागत किया।

उन्होंने बताया कि बेंगलुरु में रह रही प्रतिभा सम्पन्न नेहा रावत ने एक नई जमीन तैयार की है। ‘सृजन संवाद’ (Srijan Samvad) नए लोगों को मंच प्रदान करने, साहित्य-सिनेमा-कला का चस्का लगाने के लिए जाना जाता है। नेहा रावत को आमंत्रित कर एक नई परम्परा कायम कर रहा है। नेहा के लिए भी यह पहली बार है, जब वे किसी मंच से अपनी बात कह रही हैं।

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जमशेदपुर निवासी बेंगलुरु में कार्यरत मूर्तिकार परमानंद रमण ने नेहा रावत का विस्तृत परिचय दिया। नेहा ने बिट्स पिलानी के गोवा कैम्पस से इंजीनियरिंग की दोहरी डिग्री प्राप्त की। वे आईटी कम्पनी में काम कर रही थीं। उन्होंने अपनी लगी-लगाई सॉफ़्टवेयर की नौकरी छोड़ कर एक नई राह अपनाई। रेखांकन का काम प्रारंभ किया। आज वे बच्चों की किताबों का रेखांकन करती हैं। उनकी किताबें अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित हैं।

Srijan Samvad : बच्चों की कहानी में पात्रों का चयन बेहद महत्वपूर्ण: नेहा

नेहा रावत ने बताया, वे बचपन से रेखांकन किया करती थीं। उनकी प्लस 2 तक की शिक्षा जमशेदपुर में हुई। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। जब वे नौकरी छोड़ कर एक नई दिशा में जाना चाह रही थीं, तो बहुत ऊहापोह में थीं। मगर माता-पिता एवं पति ने उन्हें उत्साहित किया।उन्हें अपने मन लायक काम करने की सलाह दी। इसके बाद के चार साल बहुत संघर्ष में बीते।

वे प्रयास करती रहीं और अपनी कला को निखारती रहीं। उन्होंने कई वर्कशॉप में भाग लिया, प्रदर्शनियों में गईं। रेखांकन के कई छोटे-छोटे काम किए। आज वे अपने मासूम पात्रों, रंगीन एवं प्रसन्न वातावरण के रेखांकन के लिए प्रकाशन जगत में जानी जाती हैं। चूँकि वे बच्चों की किताबें इलस्ट्रेट करती हैं, अत: उनके पात्रों में कुत्ते, खेल, माता-पिता, बाबा-दादी की प्रमुखता होती है। उनके प्रकाश-छाया द्वारा कहानी कहने की प्रशंसा होती है। उन्हें इलस्ट्रेशन के कई पुरस्कार राप्त हुए हैं।

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फ़्रीलांस इलस्ट्रेटर नेहा रावत ने भारत के ‘प्रथम’ तथा ‘तूलिका’ प्रकाशन के साथ काम किया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे सोसायटी ऑफ़ चिल्ड्रेन्स बुकराइटर्स एंड इलस्ट्रेटर्स के साथ जुड़ कर कार्य कर रही हैं। साथ ही वे हार्पर कॉलिंस के लिए काम कर रही हैं। यह सब उन्होंने प्रजेन्टेशन द्वारा दिखाया, जिससे दर्शकों/श्रोताओं को उनके रेखांकन देखने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने श्रोताओं/दर्शकों के प्रश्नों का विस्तार से उत्तर दिया।

वैभव मणि त्रिपाठी के कुशल संचालन में डेढ़ घंटे का कार्यक्रम सफ़लतापूर्वक सम्पन्न हुआ। रेखांकनकर्ता शशि भूषण बडोनी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। सृजन संवाद (Srijan Samvad) फ़ेसबुक लाइव द्वारा बड़ौदा से कहानीकार ओमा शर्मा, बैंग्लोर से मूर्तिकार परमानंद रमण, पत्रकार अनघा मारीषा, देहरादून से शशि भूषण,

पुणे से सिनेमा विशेषज्ञ मनमोहन चड्ढ़ा, गोरखपुर से पत्रकार अनुराग रंजन, जमशेदपुर से डॉ नेहा तिवारी, डॉ. क्षमा त्रिपाठी, गीता दूबे, सुधा गोयल, वीणा कुमारी, अर्चना अनुपम, भोपाल से सुदीप सोहनी, गोमिया से प्रमोद कुमार बर्णवाल, दिल्ली से अभिनेत्री-व्यॉज-ओवर करने वाली उमा शर्मा, मुजफ़्फ़रपुर से चित्रांशी पाण्डेय जुड़े हुए थे। इनकी प्रश्नों तथा टिप्पणियों से कार्यक्रम और समृद्ध हुआ। डॉ. विजय शर्मा ने अगले महीने ‘सृजन संवाद’ में अनुवाद-साहित्य चर्चा की घोषणा कर कार्यक्रम की समाप्ति की।

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