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महाकुंभ मेले में भगदड़: दो जगह, संगम नोज और झूंसी में भी मची थी अफरातफरी, सरकार पर आंकड़े छुपाने के आरोप!

by Neha Verma
Maha Kumbh Stampede : अचानक आया भीड़ का धक्का, कई लोग बिछड़े, अपनों को ढूंढ रहे लोग
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प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान 29 जनवरी को दो अलग-अलग स्थानों पर भगदड़ मचने से कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने महाकुंभ के आयोजन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहली भगदड़ संगम के किनारे तड़के दो बजे के आसपास हुई, जबकि दूसरी घटना झूंसी क्षेत्र में सुबह 6 बजे के आसपास घटी। दोनों स्थानों पर हुई भगदड़ ने लोगों में डर और अफरा-तफरी मचा दी।

संगम के किनारे हुई भगदड़: तड़के 2 बजे की घटना 

29 जनवरी की तड़के 2 बजे संगम के किनारे पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। वहां लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए जुटे थे, जब अचानक बढ़ी भीड़ के कारण धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस भगदड़ में लगभग 30 लोगों की मौत हो गई। घटनास्थल पर बिखरे कपड़े, जूते और बोतलें यह संकेत दे रही थीं कि यह हादसा बहुत भीषण था। हालांकि, प्रशासन ने मृतकों और घायलों की संख्या के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी।

झूंसी में भी मची भगदड़: सुबह 6 बजे की घटना 

पहली भगदड़ के कुछ घंटे बाद, 29 जनवरी को सुबह 6 बजे झूंसी में भी एक और भगदड़ मच गई। यह स्थान संगम नोज से केवल दो किलोमीटर दूर था, और यहां भी लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान करने के लिए जुटे थे। इस भगदड़ में भी बड़ी संख्या में लोग घायल हुए, और कुछ लोग दबकर मारे गए। घटनास्थल पर कपड़े, जूते और बोतलों के ढेर बिखरे पड़े थे, जो भगदड़ के भयावह परिणाम को दर्शा रहे थे। चश्मदीदों ने बताया कि भगदड़ के दौरान लोगों को दबते हुए देखा और बाद में शवों की रिकवरी की गई।

घटनास्थल पर क्या हुआ? 

वहीं घटनास्थल से प्राप्त वीडियो फुटेज में देखा गया कि ट्रैक्टर की मदद से कपड़े, जूते और बोतलें हटाई जा रही थीं। चश्मदीदों के अनुसार, भगदड़ के दौरान श्रद्धालु एक-दूसरे पर गिर रहे थे, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई। कई लोग गिरकर घायल हो गए, और कुछ की मौत भी हो गई। घटनास्थल पर शवों की रिकवरी और घायलों को अस्पताल भेजने का काम जारी था।

सरकार की चुप्पी और आरोप 

इन घटनाओं के बाद अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद लोगों और मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि प्रशासन ने मृतकों की सही संख्या छुपाई है। कुछ चश्मदीदों का कहना है कि इस घटना में कई और लोगों की मौत हो सकती है, लेकिन प्रशासन ने इसे नकार दिया है।

कुंभ मेले में सुरक्षा इंतजाम पर सवाल 

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा इंतजामों को कड़ा किया था। इसके बावजूद इन घटनाओं ने सवाल खड़ा किया है कि क्या प्रशासन ने इतनी बड़ी भीड़ को संभालने के लिए सही तरीके से सुरक्षा उपायों को लागू किया था।

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