हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : लोग यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि ईश्वर ने ऐसी कृपा क्यों की। दरअसल, झारखंड के जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक अजीब बच्ची का जन्म हुआ है। इस नवजात बच्ची को देख डॉक्टर भी हैरान हैं। इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि उसे दुर्लभ बीमारी है। बहुत कम ही इस तरह के मामले आते हैं। इसका इलाज एमजीएम में संभव नहीं है। इसे देखते हुए रांची रिम्स रेफर किया गया है लेकिन बच्ची के माता-पिता उसे रिम्स ले जाने को तैयार नहीं हैं। बच्ची बीते 17 दिनों से जिंदगी व मौत से जूझ रही है।
28 अक्टूबर को हुआ था बच्ची का जन्म
सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड के तनकोचा गांव निवासी सोकोदा सबर (विलुप्त हो रही सबर जनजाति की महिला) को बीते 28 अक्टूबर को प्रसव पीड़ा हुई। उसे एमजीएम अस्पताल लाया गया। यहां पर प्रसव हुआ। इस दौरान पाया गया कि नवजात का सिर पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। इसे देखते हुए चिकित्सकों ने उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया। लेकिन नवजात के परिजन उसे ले जाने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उनके पास उतना पैसा नहीं है कि वह पैसा खर्च कर इलाज करा सकें। ऐसे में 17 दिन से यह बच्ची एनआइसीयू में भर्ती है।
क्या कहते हैं शिशु रोग विभागाध्यक्ष
एमजीएम अस्पताल के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अजय राज कहते हैं कि बच्ची का सिर पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है। उसकी हालत को देखते हुए उसे रांची रेफर किया गया है। बच्ची में जो लक्षण दिख रहे हैं वह एनेनसेफली बीमारी के हैं। फिलहाल बच्ची का इलाज शिशु रोग विभाग के एनआइसीयू (नियो नेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) में चल रहा है।
क्या है एनेनसेफली बीमारी?
एनेनसेफली सबसे गंभीर न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट है जिसमें फोरब्रेन (सेरेब्रल हेमिस्फेयर और सेरेबेलम शामिल है) आंशिक या पूर्ण रूप से गायब होता है। यह कंडीशन अक्सर ब्रेन स्टेम और स्पाइनल कार्ड असामान्यता से जुड़ा होता है। इस बीमारी में बच्चे अविकसित मस्तिष्क के साथ पैदा होते हैं। इसे देखते हुए बच्चों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। इस तरह के मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं।
4,600 नवजात में एक को होती है यह बीमारी
एनेनसेफली बीमारी को लेकर भारत में कोई आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है लेकिन शोधकर्ताओं का अनुमान है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रत्येक 4,600 शिशुओं में से लगभग एक एनेनसेफली संबंधित मरीज पैदा होता है।