इंटरनेशनल डेस्क : इंडोनेशिया में मंगलवार की सुबह भूकंप के तेज झटके से बाली समेत देश के कई बड़े शहर दहल गए। लोगों ने जल्दी जल्दी घर से बाहर भागकर जान बचाई। रिएक्टर पैमाने पर भूकंप के स्केल 7.0 मापा गया। इससे पहले शुरू में सुबह 4 बजे 6.1 और 6.5 तीव्रता के झटके आये थे। इसकी जानकारी इंडोनेशियाई भूवैज्ञानिक एजेंसी ने दी।एजेंसी ने बताया कि बाली सागर क्षेत्र में मंगलवार को 7.0 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस हुई। भूकंप का केंद्र इंडोनेशिया के मातरम से 201 किलोमीटर उत्तर में धरती की सतह से 518 किलोमीटर नीचे था।
भूकंप से जान माल को नहीं हुआ नुकसान
भूकंप के झटके से अभी तक किसी प्रकार के जान माल की सूचना नहीं मिली है। अन्य एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार भूकंप के झटके बाली सागर क्षेत्र में महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र गिल्ली एयर द्वीप के उतर पूर्व लगभग 113 मील (182) किलोमीटर दूर था। यह इंडोनेशिया के पश्चिम नुसा तेंगारा, बंगसल के पास भूकंप के केंद्र के नीचे 525 किलोमीटर गहराई पर आया था।
इंडोनेशिया में पहले भी कई बार आ चुके हैं भूकंप के झटके
भूकंप के झटकों के बाद सुनामी की चेतावनी नहीं जारी हुआ है। इंडोनेशिया में पहले भी कई बार भूकंप आ चुके है। पिछले साल नवम्बर में भी 5.6 तीव्रता के भूकंप आये थे। जिसमें बहुतों की जान माल की क्षति हुई थी। लगभग तीन सौ लोग मारे गए थे। वहीं हजारों बेघर हो गए थे। साल 2005 में इंडोनेशिया में 8.6 तीव्रता का भूकंप आया था। जिसमें लगभग हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। दूसरी तरफ इंडोनेशिया में कई ज्वालामुखी है जो सक्रिय रहते है भूकंप आने के बाद इस ज्वालामुखी के कारण खतरा और बढ़ जाता है।
कैसे आते हैं भूकंप?
भूकंप के नाम सुनते ही लोगों में दहशत और भय का माहौल पैदा हो जाता है। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगते हैं। भूकंप से भारी नुकसान होता है, जान माल की भारी क्षति होती है। भूकंप धरती के अंदर मौजूद प्लेट्स के टकराने से उत्पन्न हुई एनर्जी के वजह से होता है। हमारी धरती के अंदर कुल सात प्लेटस है जो लगातार घूर्णन करते हैं। जब यह प्लेट्स किसी कारणवश एक दूसरे से टकराते हैं, तो वह फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। साथ ही भारी मात्रा में ऊर्जा पैदा होता है। वह ऊर्जा बाहर निकलने का रास्ता खोजता है। इस क्रम में वह ऊर्जा पृथ्वी के बाहरी सतह पर आ जाता है। जिसे भूकंप कहा जाता है।
READ ALSO : शाहरुख की फिल्म ‘जवान’ को लेकर जबरदस्त एक्साइटमेंट, बुर्ज खलीफा पर रिलीज होगा ट्रेलर
भूकंप की तीव्रता नापने वाला केंद्र होता है एपी सेंटर
भूकंप भी कई तरह के होते हैं। जिसकी रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता मापी जाती है। सबसे कम 2.0 तीव्रता का भूकंप इसे माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है। हालांकि इससे कुछ नुकसान नहीं होता है। दूसरा माईनर कैटेगरी जिसकी तीव्रता 2.0 से 2.9 होती है। तीसरा 3.0 से 3.9 तीव्रता होती है, इसे वेरी लाइट कैटेगरी में रखा जाता है। चौथा 4.0 से 4.9 तीव्रता की होती है, इसे लाईट कैटेगरी में रखा जाता है। आमतौर पर धरती पर प्रतिदिन हजारों भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। हालांकि सभी झटके से नुकसान नहीं होता। कई बार भूकंप के झटके भी महसूस नहीं होते। भूकंप की तीव्रता को उसे केंद्र से नापा जाता है, जिसे एपी सेंटर भी कहा जाता है। पृथ्वी के भीतर प्लेट से टकराने के बाद ऊर्जा जो पृथ्वी के बाहर निकलती है, उसे स्केल में मापा जाता है। हमारी पृथ्वी चार परतों से बनी है। इनर कोर, आउटर कोर, मैंटल कोर, क्रस्ट कोर से बना है। क्रस्ट कोर पृथ्वी की सबसे उपरी परत होती है।