Home » 5 अक्टूबर से शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति का लाभ दिए जाने का शिक्षक संघ ने किया विराेध

5 अक्टूबर से शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति का लाभ दिए जाने का शिक्षक संघ ने किया विराेध

by Rakesh Pandey
शिक्षक संघ ने किया विराेध
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

जमशेदपुर: राजकीय हरिजन मध्य विद्यालय भालूबासा, जमशेदपुर में झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, पूर्वी सिंहभूम की एक आपात बैठक विभिन्न शिक्षक समस्याओं के निराकरण हेतु जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस दाैरान शिक्षक संघ की ओर से विभिन्न समस्याओं काे रखा गया। संघ के जिला अध्यक्ष अरूण कुमार सिंह ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग अपने ही पूर्व के आदेश काे नजर अंदाज करते 05 अक्टूबर 23 से शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति नहीं देने का आदेश दिया है।

जाे सही नहीं है। क्याेंकि एक सिपाही भी 5 वर्षों में सिपाही से हवलदार बन जाता है परंतु शिक्षक योग्यता रखने के बाद भी जिस पद पर नियुक्त होते हैं उसी पद व वेतनमान पर सेवानिवृत हो जाते हैं। उन्हाेंने कहा कि जाे प्राेन्नति ग्रेड 4 में अब दी जा रही है। वह 1994 में नियुक्त शिक्षकाें काे 2003-4 वैचारिक लाभ मिल जाना चाहिए। लेकिन सरकार ने तबसे न देकर अक्टूबर 2023 से लाभ देने का पत्र जारी कर दिया है जाे सही नहीं है।

शिक्षक संघ ने किया विराेध

क्याेंकि इससे पुराने हाेने के बाद भी हम 2015 में नियुक्त शिक्षकाें से जूनियर हाे जाएंगे जाे पुराने शिक्षकाें के साथ अन्याय हाेगा। इसके साथ ही शिक्षकाें से जुड़े पांच अन्य समस्याओं का यथाशीघ्र निराकरण नहीं हाेने पर वृहद आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। आंदोलन की पहली कड़ी में सभी शिक्षक 10 दिनों के भीतर अपने-अपने क्षेत्र के माननीय विधायक महोदय से मिलकर उपरोक्त समस्याओं से अवगत कराएंगे यदि निराकरण न हुआ तो फिर धरना/ प्रदर्शन हेतु शिक्षक बाध्य होंगे। इसकी तिथि जल्द घाेषित कर दी जाएगी।

बैठक में अरुण कुमार, सुनील मुर्मू, कृष्ण चंद्र दास, रमाकांत शुक्ला, पीतम सोरेन, टीप्रु तीयु, दुला राम मार्डी,रविंद्र नाथ सोरेन उपस्थित थे।

सरप्लस शिक्षकाें की सूची काे रद्द करे विभाग:

शिक्षक संघ की ओर से कहा गया कि पीरामल फाउंडेशन द्वारा अपलोड की गई सरप्लस शिक्षकों की सूची जो ट्रांसफर पोर्टल पर अपलोड है उसमें अनेक खामियां व्याप्त है। सरप्लस शिक्षकों की सूची बनाते समय छात्र शिक्षक अनुपात व आरटीई मानक का ध्यान ही नहीं रखा गया है।अ नेक शिक्षक नेटवर्क समस्या के कारण पोर्टल पर आवेदन ऑनलाइन नहीं कर सके। डॉक्यूमेंट जांच के नाम पर दूर दराज के शिक्षकों को जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय बुलाकर बेवजह परेशान किया गया तथा गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों को सिविल सर्जन कार्यालय जाने को कहा गया है। पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया काफी जटिल है यदि लागू हुआ तो पूरे झारखंड के शिक्षा व्यवस्था रसातल में चले जाएगी। एेसे में इस पूरी सूची को रद्द करते हुए अविलंब संशोधित सूची जारी किया जाए।

इन मांगाें काे भी रखा गया:
1: जिले के करीब 150 शिक्षक जो वर्ष 1994 में नियुक्त हुए थे का एक ही संवर्ग के कनीय शिक्षक का वेतन वरीय से अधिक होने पर समतुल्य वेतन का निर्धारण कर लेखा सत्यापन हेतु जिला लेखा कार्यालय में तीन माह से जमा है परंतु आज तक सत्यापन नहीं हो सका इसे जल्द से जल्द सत्यापित कराया जाए।
2: ई-विद्या वाहिनी में शिक्षकों द्वारा नेटवर्क की समस्या रहने पर महीने में कभी-कभी 5-10 मिनट उपस्थिति बनाने में विलंब हो जाता है। इसके परिणाम स्वरूप निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों द्वारा शिक्षकाें को बेवजह परेशान किया जाता है यदि विभाग का यही रवैया रहा तो शिक्षक अपने मोबाइल से उपस्थिति दर्ज नहीं करेंगे।
3: प्रतिदिन व्हाट्सएप पर नए-नए आदेश जारी कर उसके पूरा नहीं हाेने पर सरकारी शिक्षकों को दंडित कर मानसिक और बौद्धिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है इसे अविलंब रोका जाए।

READ ALSO : 21 केंद्राें पर 9 अक्टूबर से शुरू हाेगी स्नातक VI सेमेस्टर की परीक्षा, 22000 परीक्षार्थी होंगे शामिल

Related Articles