नयी दिल्ली। सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस स्वदेश निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इंफाल’ को कल औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। इससे हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री क्षमता मजबूत होगी। यह पहला युद्धपोत है जिसका नाम पूर्वोत्तर क्षेत्र के किसी शहर के नाम पर रखा गया है।
राष्ट्रपति ने अप्रैल 2019 में इसकी मंजूरी दी थी। अधिकारियों ने कहा कि युद्धपोत को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मुंबई स्थित नौसेना की गोदी (डॉकयार्ड) में आयोजित एक समारोह में शस्त्र बल में शामिल किया जाएगा।
मणिपुर की राजधानी के नाम पर रखा गया युद्धपोत का नाम
युद्धपोत का नाम मणिपुर की राजधानी के नाम पर रखा जाना राष्ट्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करता है। इस पोत का वजन 7,400 टन और कुल लंबाई 164 मीटर है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और पोत विध्वंसक मिसाइलों तथा टॉरपीडो से लैस है। बंदरगाह और समुद्र दोनों में व्यापक परीक्षण कार्यक्रम पूरा करने के बाद आईएनएस इंफाल 20 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था।
सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है यह युद्धपोत
पोत ने पिछले महीने विस्तारित-रेंज वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, जो नौसेना में शामिल किए जाने से पहले किसी भी स्वदेशी युद्धपोत के लिए इस तरह का पहला परीक्षण था। तमाम परीक्षणों के बाद अब इसे सेवा को सौंपा जा रहा है। इससे भारतीय समुद्री सीमा की रक्षा में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सरकार अन्य युद्धपोतों के विकास में जुटी हुई है, अगामी दिनों में इन सभी युद्धपोतों को नौ सेना को सौपने की तैयारी है, इन सभी युद्धपोतों का ट्रायल चल रहा है।
READ ALSO : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में Google का ‘Gemini AI’ लॉन्च, जानें खासियत