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भारत-कनाडा के बीच बढ़ा तनाव: छह कनाडाई राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश

उनमें स्टीवर्ट रॉस व्हीलर (कार्यवाहक उच्चायुक्त), पैट्रिक हेबर्ट (उप उच्चायुक्त), मैरी कैथरीन जोली (प्रथम सचिव), लैन रॉस डेविड ट्राइट्स (प्रथम सचिव), एडम जेम्स चुइप्का (प्रथम सचिव), और पाउला ओरजुएला (प्रथम सचिव) शामिल हैं।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली : भारत और कनाडा के बीच बढ़ता तनाव गंभीर हो चुका है। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों के बीच, भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है।
भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इन छह कनाडाई राजनयिकों को 19 अक्टूबर की रात 11:59 बजे तक देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। जिन राजनयिकों को निष्कासित किया गया है, उनमें स्टीवर्ट रॉस व्हीलर (कार्यवाहक उच्चायुक्त), पैट्रिक हेबर्ट (उप उच्चायुक्त), मैरी कैथरीन जोली (प्रथम सचिव), लैन रॉस डेविड ट्राइट्स (प्रथम सचिव), एडम जेम्स चुइप्का (प्रथम सचिव), और पाउला ओरजुएला (प्रथम सचिव) शामिल हैं।

भारत ने राजनयिकों को सुरक्षा के चलते बुलाया वापस

भारत सरकार ने कनाडा में अपने उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें वापस बुलाने का फैसला किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा में वर्तमान परिस्थितियों के कारण भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में ट्रूडो सरकार असमर्थ है। इस वजह से, भारत ने अपने उच्चायुक्त और अन्य अधिकारियों को वापस बुला लिया है।

विवाद का कारण

तनाव की जड़ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ी है। कनाडा ने इस मामले में भारतीय राजनयिकों को ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ के रूप में जोड़ा है, जिसका भारत ने तीखा विरोध किया है। भारत ने कनाडा पर बिना किसी सबूत के बेबुनियाद आरोप लगाने का आरोप लगाते हुए, ट्रूडो सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का भी आरोप लगाया है।

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