पटना: बिहार में शिक्षक भर्ती ने अब सियासी रंग ले लिया है। भाजपा ने शिक्षक अभ्यर्थियों के पक्ष में सड़क पर उतरने का फैसला लिया है। बिहार बीजेपी की ओर ऐलान किया गया है कि वे 13 जुलाई को विधानसभा तक मार्च करेगी।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिहार के युवाओं से वादा किया था कि पहली कलम से 10 लाख नौकरी दी जाएगी। उस वादे का क्या हुआ। नौकरी देना तो दूर इसके लिए जो युवा आंदोलन कर रहे हैं उन्हें सरकार लाटी से पिटवा रही है। ऐसे में बीजेपी विरोध मार्च के माध्यम से 10 लाख सरकारी नौकरी देने पर जवाब मांगेगी। साथ ही CTET/TET की सीधी नियुक्ति की भी मांग करेगी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ साथ अवधेश नारायण सिंह, संजीव चौरसिया और नितिन नवीन मौजूद थे।
सरकार लोगों की परेशानियों से मुंड मोड़ रही है:
सम्राट चौधरी ने मानसून सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा का मानसून सत्र इस बार काफी छोटा रखा गया है। सरकार लोगों की परेशानियों को नजरअंदाज कर रही है। इन सवालों से बचने के लिए मानसून सत्र को छोटा रखा गया है।
सरकार ने 5 दिनों का मानसून सत्र बुलाया है। जो 10-14 जुलाई तक चलेगा। ऐसे में 13 जुलाई को बिहार बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च करेंगे। यह मार्च केवल रूट तक सीमित नहीं रहेगा। इसके साथ ही मानसून सत्र में सदन के अंदर भी सरकार को घेरेंगे।
सरकार के सभी वादे खोखले:
सम्राट चौधरी ने कहा कि महागठबंधन सरकार की तरफ से 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया था। इसके साथ ही 20 लाख रोजगार देने की भी बात कही गई थी। लेकिन सरकार की यह वादे भी खोखले साबित हुए हैं।
सीएम को अपने विधायकों पर शक
भाजपा की ओर से 13 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाले विपक्षी एकता की बैठक पर कहा गया कि कि इससे हमे कोई मतलब नहीं है। नीतीश कुमार ने अपने नेताओं और एमएलसी के साथ की बैठक पर उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को शक होगा कि उनके पार्टी के नेता उन्हें छोड़ न दें।