गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने अपने संबोधन में छात्रों को देश के भविष्य के नेता बनने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि शिक्षा के क्षेत्र से ऐसे बच्चे निकलें जो समाज और देश का नेतृत्व करें। उनके शब्दों में, “स्वामी विवेकानंद ने कहा था, ‘मुझे 100 युवा दीजिए, मैं देश में परिवर्तन लाऊंगा’, और यही कारण है कि शिक्षा के क्षेत्र में प्रतियोगिताओं और अन्य गतिविधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।”
समाज में बदलाव लाने की क्षमता ज्यादा जरूरी
इस अवसर पर कुलाधिपति ने बच्चों द्वारा किए गए कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि हमें केवल औपचारिक भाषण देने के बजाय समाज की समस्याओं को उठाने वाले विषयों पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “आज बच्चों ने यह सीख ली है कि गोल्ड मेडल प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है कि समाज में बदलाव लाने की क्षमता हो।”
आनंदीबेन पटेल ने महिलाओं के अधिकारों पर भी बात की। उन्होंने कहा, “आजकल महिलाओं के योगदान को हर क्षेत्र में पहचाना जा रहा है। एक समय था जब हमारी तीन महिलाएं वर्ल्ड टूर पर निकलीं थीं और उन्होंने 15 देशों का दौरा किया था। ये महिलाएं विभिन्न देशों में महिलाओं की स्थिति पर अध्ययन कर रही थीं।” इसके अलावा, उन्होंने महिला शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया और बताया कि अब कॉलेजों में बेटियों की संख्या पुरुषों से ज्यादा हो गई है।
समाज में समानता बिना नहीं हो सकता संस्थान का उद्देश्य
राज्यपाल ने यह भी कहा कि आने वाले समय में महिलाओं की संख्या समाज में और बढ़ेगी। पुरुषों को अपनी योजनाएं बनाने पर विचार करना होगा। “जब तक समाज में समानता नहीं आएगी, तब तक कोई भी संस्थान अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय को अपनी 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर युवाओं को प्रेरित करने के लिए विशेष पहल करनी चाहिए।
आनंदीबेन पटेल ने उदाहरण दिया कि किस प्रकार 1992 में पाकिस्तान के आतंकवादियों ने श्रीनगर के लाल चौक पर भारतीय ध्वज फहराने की चुनौती दी थी और अटल बिहारी वाजपेई ने उसे स्वीकार किया था। उन्होंने बताया कि उस समय की परिस्थितियों में महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित नहीं थीं, लेकिन राष्ट्रभक्ति और युवाओं के जोश के कारण उस चुनौती का मुकाबला किया गया।
साइकिल यात्रा के संदर्भ में भी उन्होंने छात्रों को सचेत किया। उन्होंने कहा कि छात्रों को सड़क पर सुरक्षित तरीके से यात्रा करनी चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि हाल ही में कई छात्रों ने रील बनाने के लिए साइकिल चलाते हुए दुर्घटनाओं का सामना किया, जिससे उनकी जान चली गई। उन्होंने अपील की कि छात्रों को समझदारी से सड़क पर चलने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने शिक्षा के महत्व को समझाते हुए छात्रों से एक विशेष प्रतिज्ञा लेने का आग्रह किया कि वे न तो दहेज लेंगे और न ही देंगे, और नशे से दूर रहेंगे। उन्होंने कहा, “यह प्रतिज्ञा सिर्फ छात्रों के जीवन के लिए नहीं, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह त्याग कई पीढ़ियों को सुधार सकता है।”
2000 बेटियों को HPV वैक्सीनेशन देने की सरकार की योजना
इसके अलावा, राज्यपाल ने बताया कि राज्य सरकार ने 2000 बेटियों को HPV वैक्सीनेशन देने की योजना बनाई है, ताकि महिलाओं का कैंसर से बचाव किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले सामने आते हैं, और यह पहल विशेष रूप से समाज के सहयोग से शुरू की गई है।
राज्यपाल ने स्वास्थ्य और सामाजिक जिम्मेदारियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “कुछ चीजें सरकार अकेले नहीं कर सकती, इसलिए समाज का सहयोग जरूरी है।” उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज को वृद्धाश्रमों की संख्या में वृद्धि और गायों को सड़कों पर छोड़े जाने जैसी समस्याओं पर भी विचार करना चाहिए।
समाज के भले के लिए दें योगदान
समापन में, आनंदीबेन पटेल ने बच्चों से यह अपील की कि वे अपनी पढ़ाई में लगातार लगे रहें, और किसी भी रूप में समाज के भले के लिए योगदान देने का प्रयास करें। उन्होंने कहा, “यदि हम बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देंगे, तो हमारा देश अपने आप आगे बढ़ेगा।”
आखिरकार, इस समारोह ने न केवल शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और समाज के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश दिए, बल्कि विद्यार्थियों को अपने जीवन के आदर्श और मार्गदर्शन के रूप में एक नई दिशा भी दी।