Home » हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की होली पार्टी पर बवाल, ₹1.22 लाख का बिल सरकारी खाते में भेजा गया

हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की होली पार्टी पर बवाल, ₹1.22 लाख का बिल सरकारी खाते में भेजा गया

इस आयोजन के आधिकारिक या व्यक्तिगत होने पर सवाल किया गया तो सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इसका उत्तर केवल मुख्य सचिव ही दे सकते हैं।

by Reeta Rai Sagar
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शिमला : हिमाचल प्रदेश इस समय ₹1 लाख करोड़ से अधिक के भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है, ऐसे में राज्य के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा 75 आईएएस अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए एक भव्य होली भोज का आयोजन किए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। यह आयोजन शिमला स्थित राज्य सरकार द्वारा संचालित होटल हॉलिडे होम में किया गया।

मुख्य सचिव ने दी 75 IAS अधिकारियों को होली पार्टी

प्रबोध सक्सेना, जिनकी सेवानिवृत्ति की तारीख 31 मार्च 2025 निर्धारित थी, उन्होंने होली के मौके पर इस भोज का आयोजन किया। इस पार्टी में 75 आईएएस अधिकारियों और उनके परिवारों के लिए कुल 77 भोजन परोसे गए, जिनकी दर ₹1,000 प्रति व्यक्ति थी। इसके अतिरिक्त, 22 ड्राइवरों को ₹585 प्रति व्यक्ति की दर से भोजन कराया गया। कुल मिलाकर इस आयोजन का बिल ₹1.22 लाख का बना, जिसे सक्सेना ने सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) के सचिव को भुगतान के लिए भेजा है।

पहली बार किसी मुख्य सचिव को मिला 6 महीने का सेवा विस्तार

हालांकि, बाद में सक्सेना को केंद्रीय कार्मिक विभाग (DoPT) द्वारा छह महीने का सेवा विस्तार दे दिया गया, और अब वे 30 सितंबर 2025 तक मुख्य सचिव पद पर बने रहेंगे। यह हिमाचल प्रदेश में पहली बार हुआ है जब किसी मुख्य सचिव को पद पर सेवा विस्तार मिला है।

बिल का भुगतान कौन करेगा, GAD सचिव ने टाल दिया जवाब

जब इस आयोजन के आधिकारिक या व्यक्तिगत होने पर सवाल किया गया तो सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इसका उत्तर केवल मुख्य सचिव ही दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘बिल का भुगतान वही करेगा जिसे अंतिम प्राधिकारी निर्देश देगा’।

भाजपा ने जताई आपत्ति, निष्पक्ष जांच की मांग

भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने इस पूरे मामले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे ‘सरकारी धन का दुरुपयोग’ बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को जनता की समस्याओं के प्रति ‘असंवेदनशील’ करार दिया और इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

INX मीडिया केस में भी आया था नाम

यह पहली बार नहीं है जब प्रबोध सक्सेना किसी विवाद में फंसे हैं। वर्ष 2019 में उनका नाम हाई-प्रोफाइल INX मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया था, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम भी आरोपी हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सक्सेना का नाम अपनी चार्जशीट में शामिल किया था, जिसमें उन पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी में अनियमितता के आरोप लगे थे। उस समय सक्सेना वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी थे।

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