नई दिल्ली। वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन जारी हैं और इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ सांसद रवि शंकर प्रसाद ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से तीन बड़े सवाल पूछे हैं। इन सवालों के माध्यम से उन्होंने ममता बनर्जी से यह जानना चाहा है कि क्या उन्हें मुस्लिम समुदाय की महिलाओं, पिछड़े मुसलमानों को वक्फ बोर्ड में प्रतिनिधित्व देने और वक्फ संपत्तियों की पारदर्शी जांच से समस्या है।
रवि शंकर प्रसाद ने पूछे ये सवाल
रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “पहला सवाल, अगर वक्फ बोर्ड में महिलाओं को प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है, क्या ममता बनर्जी को इससे दिक्कत है? दूसरा, अगर पिछड़े मुसलमानों को प्रतिनिधित्व मिल रहा है, क्या इससे उन्हें आपत्ति है? तीसरा, अगर गरीब मुसलमानों की जमीनें जो वक्फ के नाम पर अवैध रूप से छीनी गई हैं, उनकी ईमानदारी से जांच की जा रही है, तो क्या ममता बनर्जी को इससे परेशानी है?”
कोलकाता में मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक करेंगी ममता
इन सवालों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के नेताजी इंडोर स्टेडियम में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं और नेताओं के साथ बैठक करने जा रही हैं। यह बैठक वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में हो रही है।
वक्फ संशोधन अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की पीठ जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन शामिल हैं, बुधवार को वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली लगभग 10 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
विरोध के बीच समर्थन में भी उठी आवाजें
• शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद मिलिंद देवड़ा ने मुस्लिम समुदाय से केंद्र सरकार पर भरोसा रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकार की मंशा स्पष्ट है और यह मुसलमानों के हित में है।
• ऑल इंडिया सूफ़ी सज्जादनशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नासेरुद्दीन चिश्ती ने प्रधानमंत्री मोदी के इरादों को समर्थन देते हुए कहा कि यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों का उचित उपयोग सुनिश्चित करेगा।
• उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने कहा कि यह अधिनियम गरीब मुसलमानों की दशकों से कब्जाई गई वक्फ संपत्तियों को मुक्त करेगा।
मुर्शिदाबाद में हालात तनावपूर्ण
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सुत्ती, धूलियन, समशेरगंज और जंगीपुरा इलाकों में प्रदर्शन हिंसक हो गए। अब तक तीन लोगों की मौत और दर्जनों घायल हो चुके हैं। 18 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। राज्य पुलिस ने दो लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भी इस पर संज्ञान लिया है और अपनी टीम भेजने का निर्णय किया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और संवैधानिक बहस
• कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंढे पाटिल ने अधिनियम को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह भूमि हथियाने का प्रयास है।
• AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, YSR कांग्रेस, IUML सहित कई विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती दी है।
• विपक्षी दलों का कहना है कि यह कानून अनुच्छेद 14, 25, 26, और 29 का उल्लंघन करता है और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों में हस्तक्षेप है।
क्या है केंद्र सरकार का पक्ष
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि वक्फ अधिनियम में संशोधन “ऐतिहासिक सुधार” है। इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता और गरीब मुसलमानों के हितों की रक्षा करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि पूर्व की त्रुटियों को सुधारने के लिए लाया गया है।
जानें वक्फ अधिनियम 2025 में क्या है नया?
• वक्फ बोर्डों की संरचना में महिलाओं और पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों को शामिल करने का प्रावधान।
• वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जे और पारदर्शिता की जांच।
• बोर्ड में गैर-मुस्लिम प्रतिनिधियों की नियुक्ति, जिसे विपक्ष धार्मिक हस्तक्षेप मान रहा है।
8 अप्रैल 2025 से लागू है यह अधिनियम
वक्फ अधिनियम संशोधन 2025: संसद और राष्ट्रपति की मुहर
मार्च 2025 में लोकसभा में 232 मतों से और राज्यसभा में 128 मतों से पारित होने के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 5 अप्रैल को इस पर अपनी सहमति दी। इसके बाद 8 अप्रैल 2025 से यह अधिनियम प्रभाव में आ गया।