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फिर जानलेवा बना टाइटैनिक : दुर्घटनाग्रस्त टाइटैनिक को देखने गयी टाइटन पनडुब्बी के साथ हुआ कुछ ऐसा, जाने क्या कहा कंपनी ने

by Rakesh Pandey
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सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली : दुर्घटनाग्रस्त टाइटैनिक जहाज को खोजने समुद्र में उतरे टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई है। पनडुब्बी ऑपरेट करने वाली कंपनी OceanGate ने इस बात की पुष्टि करते हुए मरने वालों के लिए श्रद्धांजलि व्यक्त की है। इसमें कहा गया है कि उत्तरी अटलांटिक में लापता पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की दुखद मृत्यु हो गई है। अब हम मानते हैं कि हमने अपने सीईओ स्टॉकटन रश, शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद, हामिश हार्डिंग और पॉल-हेनरी नार्जियोलेट को खो दिया है।

कंपनी ने आगे कहा कि ये सभी लोग सच्चे खोजकर्ता थे। जिनमें रोमांच की एक अलग भावना और दुनिया के महासागरों की खोज और सुरक्षा के लिए गहरा जुनून था। इस दुखद समय में हम इन पांच आत्माओं और उनके परिवारों के प्रत्येक सदस्य के साथ हैं। कंपनी की पनडुब्बी को तलाशने के लिए कई अलग-अलग देशों की ओर से मदद दी गयी।

अभी शव नहीं हुए हैं बरामद

वहीं न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, सर्च टीम को टाइटैनिक जहाज के पास लापता पनडुब्बी का मलबा मिला है। यूएस कोस्ट गार्ड के अनुसार, पनडुब्बी का मलबा मिलने के बाद विशेषज्ञों की टीम जांच करने में जुट गई है। मिली जानकारी के अनुसार पनडुब्बी के मलबे की खोज एक कनाडाई जहाज में तैनात मानवरहित रोबोट ने की है। यूएस कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन माउगर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि टाइटन सबमर्सिबल की खोज के दौरान लगाए गए यंत्रों में धमाकों की आवाज नहीं सुनाई दी, जिससे माना जाता है कि पनडुब्बी में सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई है। हालांकि अभी तक किसी का शव नहीं मिला है।

तलाशी अभियान के दौरान पानी में सुनने के उपकरण थे मौजूद
माउगर ने कहा कि यह बेदत जटील तलाशी अभियान थी। जब हम तलाशी अभियान चला रहे थे तो हमारे पास पूरे पानी में सुनने के उपकरण थे। हालांकि, उपकरण में धमाकों की आवाज नहीं सुनाई दी। उन्होंने आगे कहा कि हम वहां मौजूद जानकारी को एकत्र करना जारी रखेंगे।

पनडुब्बी 18 जून को निकली थी अपनी यात्रा पर:
18 जून को अमेरिकी कंपनी ओशनगेट की यह पनडुब्बी टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए अपने सफर पर निकली थी। टाइटैनिक का मलबे तक पहुंचने, वहां घूमने और फिर वापस आने तक का टूर करीब आठ घंटों का रहता है।

टाइटन पनडुब्बी कैसे डूबी

पंडुब्बी के मलबे के शुरुआती विश्लेषण से यह बात सामने आयी है कि टाइटन पनडुब्बी विस्फोट के कारण डूब गई थी। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि विस्फोट इसके उपकरणों या ऑक्सीजन टैंक में हो सकता है। यह पनडुब्बी 4000 मीटर की गहराई तक गोता लगाने में सक्षम थी। इतनी गहराई पर दबाव सतह से 296 गुना ज्यादा होता है। अगर पनडुब्बी बहुत तेजी से नीचे जाए, तब भी विस्फोट की परिस्थिति बन सकती है। ओशनगेट ने भी कहा है कि वह मलबे का विस्तृत विश्लेषण करने के बाद ही दुर्घटना के कारणों का खुलासा कर सकेगी।

जानें मरने वाले कौन हैं पांच लोग:

ब्रिटिश उद्योगपति हामिश हार्डिंग. उम्र 58 साल प्राइवेट जेट बेचने वाली कंपनी एक्शन एविएशन के मुखिया थे। अंटार्कटिक लग्जरी टूरिस्ट कंपनी ‘वाइट डेजर्ट’ के साथ भी काम किया। इस कंपनी ने अंटार्कटिका के लिए पहली जेट सर्विस शुरू की थी। हार्डिंग ने ही नामीबिया से चीतों को लाने में भारत सरकार की मदद की थी। वे 2022 में जेफ़ बेज़ोस की ब्लू ओरिजन कंपनी के साथ अंतरिक्ष की यात्रा पर भी गए थे

:: पाकिस्तानी मूल के शहज़ादा दाऊद व उनके बेटे सुलेमान दाऊद:
48 वर्षीय शहज़ादा दाऊद केमिकल-टू-एनर्जी कंपनी एंग्रो कॉर्पोरेशन के वाइस-प्रेसिडेंट थे। उनकी कंपनी खाद और पेट्रो-केमिकल उत्पाद बनाती है। शहज़ादा ब्रिटेन के किंग चार्ल्स की चैरिटी प्रिंस ट्रस्ट इंटरनैशनल के बोर्ड मेंबर भी थे। शहज़ादा के बेटे सुलेमान दाऊद भी पिता के साथ टाइटैनिक का मलबा देखने गए थे। शहजाद पाकिस्तान के सबसे रईस व्यक्तियों में शामिल हैं।

:: स्टॉकटन रश.
टाइटन में सवार चौथे व्यक्ति स्टॉकटन रश की बात करें तो वे इसे ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशनगेट के फ़ाउंडर फ़ाउंडर और सीईओ थे। उन्होंने 1981 में जेट ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से 19 की उम्र में लाइसेंस लिया था। वे उस समय दुनिया के सबसे युवा जेट ट्रांसपोर्ट पायलट बने थे। स्टॉकटन रश ही टाइटन पनडुब्बी के पायलट थे।

:: फ़्रांसीसी खोजी पॉल आनरी नार्जियोले
टाइटन हादसे के शिकार हुए 77 साल के पॉल को मिस्टर टाइटैनिक के नाम से जाना जाता था। वो फ़्रेंच नेवी में थे और इससे पहले भी वे 1987 में टाइटैनिक का मलबा देखने समंदर में उतरे थे। वे अब तक 35 बार इस मलबे तक की यात्रा कर चुके थे।

जानें टाइटन के बारे में:

टाइटन एक तरह की पनडुब्बी थी। जो कार्बन-फ़ाइबर से बनी थी। इसके साइज़ की बात करें तो लंबाई लगभग सात मीटर थी। इसमें सामने की तरफ़ पारदर्शी खिड़की लगी थी। जिसके जरीए लोग बाहर का नज़ारा देख सकते थे। इसमें एक पायलट के अलावा 04 और लोग बैठ सकते थे। 17 साल से ऊपर के लोग इसका टिकट ले सकते थे। एक टिकट की कीमत लगभग दो करोड़ रुपये थी।

 

क्या है टाइटैनिक को एक्सप्लोर करने का इतिहास:

टाइटैनिक जहाज 2012 में अटलांटिक महासागर में लगभग चार हज़ार मीटर नीचे डूबी थी । इसकी खोज सितंबर 1985 में यूएस नेवी के अफ़सर रॉबर्ट बलार्ड और उनकी टीम ने की थी। उसके बाद वैज्ञानिकों और एक्सप्लोरर्स ने रिसर्च के मकसद से कई बार इस जगह का दौरा किया। लेकिन 2010 के दशक में इसे एक्सप्लोर करने की नई रेस शुरू हुई। इसके लिए कई कंपनियों ने टाइटैनिक टूरिज्म की शुरुआत की। ओशनगेट उन्हीं में से एक है। उसके पास टाइट जैसी कई और पनडुब्बियां हैं।

टाइटैनिक तक पहुंचने व वापस आने में लगते थे 8 घंटे:

एक बार में टाइटैनिक तक पहुंचकर वापस बाहर आने में टाइटन को लगभग आठ घंटे लगते थे। इसमें एक बार में 96 घंटों तक चलने लायक ऑक्सीजन भरा जा सकता था। जिसे बाहर से पोलर प्रिंस नाम के जहाज से सपोर्ट मिल रहा था। लेकिन 18 जून को डुबकी लगाने के लगभग दो घंटे बाद ही संपर्क टूट गया। संपर्क टूटने के आठ घंटे बाद यूएस कोस्ट गार्ड को अलर्ट किया गया। उसके बाद कोस्ट गार्ड ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया

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