सेंट्रल डेस्क : यदि आप जल्द ही किसी राष्ट्रीय राजमार्ग या एक्सप्रेस-वे पर यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो अब यह आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने देशभर के प्रमुख हाईवे सेक्शनों पर टोल टैक्स में औसतन 4 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है। यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुकी है और इससे यात्रा के दौरान आपको अधिक शुल्क चुकाना पड़ेगा।
टोल दरों में बढ़ोतरी की जानकारी:
NHAI द्वारा किए गए इस टोल टैक्स में बदलाव का असर भारत के सभी प्रमुख राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे पर होगा। बताया जा रहा है कि यह बढ़ोतरी NHAI की वार्षिक समीक्षा का हिस्सा है, जिसमें मुद्रास्फीति और होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) के आधार पर टोल दरों को समायोजित किया जाता है। इससे पहले जून 2024 में भी टोल टैक्स बढ़ाया गया था, और अब एक साल में यह दूसरी बार है जब टोल दरों में वृद्धि की गई है।
कौन से प्रमुख हाईवे होंगे प्रभावित
इस बढ़ोतरी का सबसे अधिक असर उन वाहन चालकों पर पड़ेगा जो दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-जयपुर हाईवे जैसे प्रमुख मार्गों का इस्तेमाल करते हैं। NHAI द्वारा हर साल राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 के तहत टोल दरों को संशोधित किया जाता है। इस बार देश भर में लगभग 855 टोल प्लाजा प्रभावित होंगे, जिनमें से 675 सार्वजनिक वित्त पोषित हैं और 180 निजी ठेकेदारों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।
बड़े वाहनों पर असर ज्यादा
हालांकि, दिल्ली-जयपुर राजमार्ग के खेड़की दौला टोल प्लाजा पर यात्री वाहनों के लिए टोल टैक्स में कोई वृद्धि नहीं की गई है, लेकिन बड़े वाहनों पर प्रति चक्कर 5 रुपये तक का बढ़ा हुआ शुल्क लागू किया गया है। यह बदलाव विशेष रूप से ट्रक और भारी वाहन चालकों को प्रभावित करेगा।
क्या है इस बढ़ोतरी का उद्देश्य
NHAI ने इस बढ़ोतरी को ‘वार्षिक संशोधन’ के तहत बताया है, जिसका उद्देश्य राजमार्गों की अवसंरचना के रखरखाव और विस्तार के लिए अतिरिक्त धन जुटाना है। अधिकारियों का कहना है कि इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग देश भर के राजमार्गों की स्थिति में सुधार करने, उनकी मरम्मत और नए प्रोजेक्ट्स के लिए किया जाएगा।
आखिरकार यात्रियों को क्या मिलेगा
NHAI ने यह भी आश्वासन दिया है कि यह बढ़ोतरी यात्रियों के लिए बेहतर और सुरक्षित यात्रा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए की गई है। राजमार्गों पर लगातार सुधार और उनकी क्षमता बढ़ाने के लिए किए गए इन प्रयासों से देश की सड़क अवसंरचना को मजबूती मिलेगी। हालांकि, टोल टैक्स में वृद्धि ने यात्रियों को अतिरिक्त वित्तीय बोझ में डाल दिया है, लेकिन यह बदलाव देशभर में सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक था।