पटना : बिहार के सरकारी विद्यालयों के 10,225 शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण किया गया है, जिसमें विभिन्न कारणों से शिक्षकों को स्थानांतरित किया गया है। इस स्थानांतरण प्रक्रिया में 226 शिक्षक शामिल हैं। जिनके स्वयं या परिवार के किसी सदस्य को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है। इसके अलावा, 937 शिक्षक ऐसे हैं जो खुद या उनके परिवार के सदस्य किडनी, लीवर या हृदय रोग से पीड़ित हैं। 2,685 शिक्षकों का स्थानांतरण दिव्यांगता के आधार पर किया गया है।
शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें स्थानांतरित शिक्षकों की पूरी सूची दी गई है। इस सूची में 573 शिक्षक ऐसे हैं जिनके या उनके परिवार के सदस्य मानसिक दिव्यांगता या ऑटिज्म से ग्रस्त हैं। वहीं, 516 महिला शिक्षकों का स्थानांतरण विधवापन या परित्यक्ता होने के आधार पर किया गया है। 5,288 महिला शिक्षिकाओं का स्थानांतरण उनके पति के स्थानांतरण के आधार पर किया गया है।
इस स्थानांतरण प्रक्रिया में नियोजित शिक्षकों को अलग रखा गया है। स्थानांतरण से संबंधित सभी शिक्षकों का विद्यालय आवंटन 10 अप्रैल से 20 अप्रैल के बीच किया जाएगा। यह प्रक्रिया अंतर जिला स्थानांतरण के तहत की गई है और शिक्षकों को ऐच्छिक जिला आवंटित किया गया है।
स्थानांतरित शिक्षकों में 7,272 महिलाएं और 2,953 पुरुष शिक्षक हैं। कैंसर के आधार पर 226 शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है, जिनमें 113 महिला और 113 पुरुष शिक्षक शामिल हैं। वहीं, किडनी, लीवर या हृदय रोग के आधार पर स्थानांतरित 937 शिक्षकों में 442 महिला और 442 पुरुष शिक्षक हैं। दिव्यांगता के आधार पर 2,685 शिक्षकों का स्थानांतरण हुआ है, जिनमें 620 महिला और 2,065 पुरुष शिक्षक हैं। इसके अलावा, ऑटिज्म या मानसिक दिव्यांगता के आधार पर स्थानांतरित 573 शिक्षकों में 293 महिला और 280 पुरुष शिक्षक शामिल हैं।
शिक्षकों के स्थानांतरण का निर्णय शिक्षा सचिव अजय यादव की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया। इस बैठक में प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला, प्राथमिक शिक्षा के उपनिदेशक संजय कुमार चौधरी और माध्यमिक शिक्षा के उपनिदेशक अब्दुस सलाम अंसारी भी शामिल थे। शिक्षा विभाग ने बताया कि स्थानांतरण प्रक्रिया में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर दी गई जानकारी के आधार पर निर्णय लिया गया है।
अब स्थानांतरित सभी शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर एक शपथ पत्र देना होगा, जिसमें यह जानकारी दी जाएगी कि उनकी द्वारा दी गई सूचना सही है। अगर कोई जानकारी गलत पाई जाती है तो संबंधित शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षकों को यह भी शपथ पत्र देना होगा कि उन्हें आवंटित जिला स्वीकार है। यदि प्राथमिकता के आधार पर शिक्षक के द्वारा दिए गए विद्यालय में रिक्ति उपलब्ध नहीं है, तो उसे निकटतम पंचायत-प्रखंड के विद्यालय में पदस्थापन स्वीकार करना होगा।