Home » Wolf Snake in Bagha : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मिला दुर्लभ ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक, खूबसूरती और अनोखापन देख रह जाएंगे दंग

Wolf Snake in Bagha : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में मिला दुर्लभ ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक, खूबसूरती और अनोखापन देख रह जाएंगे दंग

वुल्फ स्नेक सांप पूरी तरह से गैर विषैला (non-venomous) होता है। लगभग 55 सेंटीमीटर तक लंबा यह सांप अपनी विशिष्ट स्पॉट्स (चिह्नों) के कारण पहचाना जाता है।

by Rakesh Pandey
twin-spotted-wolf-snake-found-in-valmiki-tiger-reserve
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

बगहा: बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में एक बार फिर से एक दुर्लभ और खूबसूरत सांप की मौजूदगी दर्ज की गई है। यह सांप ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक के नाम से जाना जाता है, जिसे आम तौर पर लोग भेड़िया सांप के नाम से भी पहचानते हैं। यह सांप न केवल अपनी दुर्लभता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी सुंदरता भी लोगों का ध्यान आकर्षित करती है।

नाम भले डरावना, लेकिन यह सांप पूरी तरह विषहीन

हालांकि इसका नाम वुल्फ स्नेक है, लेकिन यह सांप पूरी तरह से गैर विषैला (non-venomous) होता है। लगभग 55 सेंटीमीटर तक लंबा यह सांप अपनी दो विशिष्ट स्पॉट्स (चिह्नों) के कारण पहचाना जाता है। इसे पकड़ने या देखने से कोई खतरा नहीं होता, इसलिए विशेषज्ञ इसे इको-टूरिज्म और सांप संरक्षण के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं।

भारत और एशिया में सीमित उपस्थिति वाला सांप

ट्विन स्पॉटेड वुल्फ स्नेक की उपस्थिति केवल एशियाई महाद्वीप तक सीमित है। भारत में यह अब तक पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ ही इलाकों में देखा गया है। बिहार में इसे केवल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में ही रिकॉर्ड किया गया है। इसके अलावा यह सांप म्यांमार, वियतनाम और हिमालयी तराई क्षेत्रों में भी बहुत कम देखा गया है।

8 साल बाद फिर दिखा दुर्लभ सांप, वैज्ञानिकों में उत्साह

इस दुर्लभ सांप को बिहार में पहली बार वर्ष 2017 में नेचर एनवायरनमेंट वेलफेयर सोसाइटी (NEWS) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अभिषेक ने रिकॉर्ड किया था। हाल ही में वाल्मीकि नगर के विजयपुर इलाके में एक आवासीय परिसर में फिर से इसकी मौजूदगी दर्ज की गई है। अभिषेक ने बताया, “यह सांप इतना दुर्लभ है कि आम लोगों को इसे देखने का मौका शायद ही मिले। इसकी पहचान दो विशिष्ट बिंदुओं से होती है-
• इस सांप के दांत भेड़िये के दांत की तरह नुकीले और तेज होते है इसीलिए इसको भेड़िया सांप (Wolf Snake) के नाम से भी जाना जाता है।
• यह सांप अपनी आकर्षक धारियों और चमकदार त्वचा के कारण तुरंत पहचान में आ जाता है।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व: सांपों की विविधता का केंद्र
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व, जहां यह सांप मिला है, वहां 45 से अधिक प्रजातियों के सांप दर्ज किए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख प्रजातियां इस प्रकार हैं:

विषैले सांप:

कोबरा

करैत

रसेल वाइपर

पिट वाइपर

गैर विषैले सांप:
रैट स्नेक

कुकरी स्नेक

मॉक वाइपर

रेड सैंड बोआ

लंबी नाक वाला सांप

इस जैव विविधता के कारण VTR न केवल बाघों के लिए, बल्कि वन्यजीव शोधकर्ताओं और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक अनमोल धरोहर है।

Read Also- Shivraj Singh Chouhan Bihar Visit : शिवराज सिंह चौहान का तीसरा बिहार दौरा : भाजपा ने मिशन 2025 की रणनीति में दी अहम जिम्मेदारी

Related Articles