नई दिल्ली/UGC Guidelines: नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के लागू हाेने के साथ ही उच्च शिक्षा में कई तरह के बदलाव देखने काे मिल रहा है। साथ ही अब विवि व काॅलेजाें काे अधिक जवाब देह भी बनाया जा रहा है और उन्हें अधिक स्वायत्ता देने पर भी जाेर दिया जा रहा है। इस क्रम में अब राज्य के विश्वविद्यालय और कॉलेजों को तीन तरह से अपना विजन-मिशन रोडमैप तैयार करना होगा। इसके तहत शार्ट टर्म, मीडियम टर्म औरलॉन्ग टर्म प्लान शामिल है।
UGC Guidelines : फैकल्टी को लेकर छात्रों से लिया जाएगा फीडबैक
यह क्रमश: दो, पांच और दस वर्ष कोध्यान में रखकर तैयार किए जाएंगे। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने इंस्टीट्यूशनल डेवलपमेंट प्लान के तहत अलग-अलग पैमाने तय किए हैं। इसके तहत उच्च शिक्षण संस्थानों को अकादमिक तौर पर मजबूती प्रदान करने के लिए अपना रोडमैप तैयार करना हाेगा ताकि इसका सीधा लाभ छात्रों को मिले।
इसके साथ ही स्टूडेंट से भी फीडबैक लिया जाएगा। इसके तहत छात्रों से तय समय सीमा में फार्म भरवाया जाएगा और पूछा जाता है कि शिक्षक कितने नियमित हैं, वे जाे बढ़ाते हैं बच्चाें काे समझ आता है या नहीं, वे कक्षा में समय से आते हैं या नहीं, आईसीटी का कितना प्रयोग करते हैं आदि। इस तरह से 21 प्रश्नों के आधार पर फीडबैक लिया जाएगा। भविष्य में शिक्षकाें के प्रमाेशन में इस फिडबैक काे भी आधार बनाया जाएगा।
UGC Guidelines : बोर्ड में उद्यमी और सरकारी अधिकारी शामिल हाेंगे
कॉलेजों में फैकल्टी के संबंध में विद्यार्थियों से भी फीडबैक लिया जाएगा। यह कार्य रेगुलर बेसिस पर होगा। इसी के साथ कॉलेजों में एक्सटर्नल एडवाइजरी बोर्ड भी बनाया जाएगा। इस बोर्ड में प्रतिष्ठित उद्यमी, एकेडमिक्स और सरकारी अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। इस बोर्ड की मीटिंग प्रति वर्ष या छह माह में एक बार करनी हाेगी ।
इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक कोर्स:
इसी के साथ कॉलेजों में संचालित होने वाले विभिन्न सेल्फ फाइनेंस्ड कोर्स भी इस तरह से डिजाइन किए जाएंगे जो कि इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक और छात्रों की फ्यूचर ग्रोथ में मददगार हों। कॉलेज इसके लिए इंडस्ट्री एक्सपर्ट से भी मददले सकते हैं कि उन्हें किस तरह के मैनपावर की जरूरत है। उन्हें अपना करिकुलम भी इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक अपडेट करना होगा।
संस्थान छात्राें के स्किल में कैसे वैल्यू एडीशन करेंगे यह भी बताना हाेगा:
यूजीसी ने कहा है कि कॉलेजों को विजन एंड मिशन रोड मैप में उन पैमानों को भी शामिल करना होगा, जिसके माध्यम से वे छात्रों की स्किल में वैल्यू एडीशन करेंगे। इसके लिए अलग-अलग मॉड्यूल तैयार करने होंगे। इसी के साथ इसके लिए अलग से पेपर तैयार कर छात्रों का मूल्यांकन किया जा सकेगा। यूजीसी ने कहा है कि पारंपरिक कोर्सेस में उन तकनीकों को भी शामिल किया जाए जो छात्रों को डिमांड के हिसाब से तैयार कर सकें।
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