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Ukraine War : अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस का यूरोप पर हमला : यूक्रेन को नजरअंदाज करने का लगाया आरोप

by Mujtaba Haider Rizvi
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सेंट्रल डेस्क : म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (MSC) इस साल मुख्य रूप से दो अहम मुद्दों पर केंद्रित था – यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने का तरीका, जिसमें रूस के आगे झुकना न पड़े और यूरोप द्वारा अपने रक्षा खर्च को बढ़ाने की आवश्यकता। लेकिन अमेरिका की ओर से सम्मेलन में मौजूद सबसे वरिष्ठ नेता, उपराष्ट्रपति JD Vance, ने इन दोनों मुद्दों पर बात करने के बजाय अपने संबोधन में कुछ और ही कहा। उन्होंने मंच से वॉशिंगटन के सहयोगी देशों, जिनमें ब्रिटेन भी शामिल था, पर तीखा हमला किया। उन्होंने मिसइन्फॉर्मेशन, डिसइन्फॉर्मेशन और फ्री स्पीच के अधिकारों को लेकर यूरोपीय देशों को आड़े हाथों लिया।उनका यह 20 मिनट लंबा भाषण काफी असामान्य था, जिसे सभागार में मौजूद प्रतिनिधियों ने लगभग खामोशी के साथ सुना।अमरीकी उप राष्ट्रपति ने मजाक में कहा कि– ‘अगर अमेरिकी लोकतंत्र 10 साल तक पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग की फटकार सहन कर सकता है, तो आप लोग कुछ महीनों तक एलन मस्क को झेल सकते हैं’। लेकिन यह जुमला भी किसी को हंसाने में नाकाम रहा। वांस ने यूरोपीय सरकारों पर अपने मूल्यों से पीछे हटने और प्रवास (Migration) और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Free Speech) पर मतदाताओं की चिंताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया।भाषण की प्रतिक्रिया वांस का भाषण सम्मेलन में बहुत नकारात्मक रूप से लिया गया और इसे खराब रूप से तैयार किया गया भाषण माना गया। एक अमेरिकी टिप्पणीकार ने कहा, ‘यह पूरा भाषण अमेरिकी घरेलू राजनीति के लिए था, न कि यूरोपीय नेताओं के लिए’। यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से मुलाकातइसके बाद JD Vance ने यूक्रेन के संकटग्रस्त राष्ट्रपति व्लादिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। ज़ेलेंस्की ने इस बैठक को सकारात्मक बताते हुए कहा कि ‘यह हमारी पहली मुलाकात थी, लेकिन आखिरी नहीं’। उन्होंने अमेरिका और यूक्रेन के बीच अधिक संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि ‘हमें मिलकर एक योजना बनानी होगी कि कैसे पुतिन को रोका जाए और युद्ध समाप्त किया जाए’। रूस का रुख और ट्रंप का दावाअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी शांति चाहते हैं, लेकिन यह शांति उनकी शर्तों पर होगी। अगर पुतिन की शर्तें अब तक नहीं बदली हैं, तो इसका मतलब होगा कि यूक्रेन को रूस के सामने आत्मसमर्पण करना होगा और स्थायी रूप से अपनी जमीन मास्को को सौंपनी होगा।

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