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Union Carbide waste disposal: मध्यप्रदेश के CM ने पीथमपुर में टॉक्सिक कचरे को जलाए जाने पर लगाई रोक

जनता से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान ना दें। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि यूनियन कार्बाइड का कचरा अभी नहीं जलाया जाएगा।

by Reeta Rai Sagar
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भोपाल : तमाम हो-हल्ला के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने पीथमपुर में किए जा रहे यूनियन कार्बाइड के कचरे के निस्तारण पर त्वरित प्रभाव से रोक लगा दी है। राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि पीथमपुर की वर्तमान परिस्थिति को पहले कोर्ट के समक्ष रखेंगे। 3 जनवरी को विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों ने ख़ुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की और आग में झुलस गए। हालांकि फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है।

सीएम ने बुलाई इमरजेंसी बैठक

मध्य प्रदेश के पीथमपुर में भोपाल के यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के डिस्पोजल को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इमरजेंसी बैठक बुलाई। बैठक के बाद, मीडिया से बातचीत में उन्होंने जनता से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान ना दें। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि यूनियन कार्बाइड का कचरा अभी नहीं जलाया जाएगा।

कोर्ट के अगले आदेश के बाद ही लिया जाएगा निर्णय

फिलहाल इस मामले को कोर्ट के सामने ले जाया जाएगा और कोर्ट के आदेश के बाद ही अगला फ़ैसला लिया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा समेत कई सीनियर अधिकारी भी मौजूद रहे। देर रात हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया के साथ बातचीत में बताया कि हमने कोर्ट के आदेश के बाद यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर पहुंचाया। पीथमपुर की वर्तमान स्थिति की जानकारी कोर्ट के सामने रखी जाएगी। सरकार इस मुद्दे पर पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है।

दो लोगों ने किया था आत्मदाह का प्रयास

गौरतलब है कि पीथमपुर मध्य प्रदेश के धार ज़िले में पड़ने वाला इंडस्ट्रियल क्षेत्र है, जिसकी आबादी 1.75 लाख है और लगभग 700 कारखाने हैं। 3 जनवरी को यहां बंद और विरोध प्रदर्शन के दौरान, दो लोगों ने ख़ुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की और आग में झुलस गए।

क्षेत्र में धारा 163 लागू

यहां के स्थानीय बस स्टैंड और अलग-अलग जगहों पर प्रदर्शनकरी इकट्ठा हुए। प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को पानी की बौछारें और लाठीचार्ज भी करनी पड़ी। इससे हाईवे और कई इलाकों में भारी जाम की स्थिति बन गई। 3 जनवरी की शाम इलाक़े (रामकी ग्रुप पीथमपुर इंटस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (RGPIWMPL), जहां टॉक्सिक वेस्ट को रखा गया है) में BNS की धारा 163 लागू कर दी गई।

12 सीलबंद कंटेनर में पहुंचा कचरा

धारा 163 के तहत 12 जनवरी तक इलाके के आसपास 100 मीटर के दायरे में पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है। ये घोषणा इसलिए की गई है, क्योंकि प्रदर्शनकारियों का एक ग्रुप RGPIWMPL की ओर बढ़ रहा था। बता दें कि पीथमपुर और इंदौर के स्थानीय लोग और कार्यकर्ता लंबे समय से वहां कचरे के निपटान का विरोध कर रहे हैं। 337 टन कचरे को हटाने की प्रक्रिया 1 जनवरी की रात को ही शुरू कर दी गई थी। जहरीले कचरे को 12 सीलबंद कंटेनर ट्रकों में भरकर पहुंचाया गया था। इस काम में 400 से अधिक कर्मचारियों को काम पर लगाया गया है।

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