नई दिल्ली / कोलकाता : Union Health Ministry : कोलकाता में एक महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में देश भर के डॉक्टरों में आक्रोश है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर देश भर के डॉक्टर शनिवार से हड़ताल पर हैं। इससे झारखंड समेत देशभर में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गयी हैं। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए डॉक्टरों से जल्द से जल्द काम पर लौटने की अपील की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि फोर्डा, आईएमए और सरकारी अस्पतालों के आरडीए की तरफ से बताई गई चिंताओं के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कमेटी का गठन कर रहा है।
वहीं डॉक्टरों ने 24 घंटे के लिए सेवाएं बंद रखने को कहा है। हालांकि इस दौरान आपात सेवाएं जारी रहेंगी, लेकिन ओपीडी बंद रहेंगी और वैकल्पिक सर्जरी को भी टाल दिया गया है। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है। मृत महिला डॉक्टर के लिए न्याय और डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्र सरकार की ओर से बताया गया है कि नवगठित कमेटी स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा को लेकर सभी संभव कदमों का ब्योरा देगी। इस कमेटी को सुझाव देने के लिए अलग-अलग प्रतिनिधियों और राज्य सरकारों का भी स्वागत है। मंत्रालय प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से अपील करता है कि वह जनहित के लिए डेंगू-मलेरिया के बढ़ते केसों के मद्देनजर काम पर लौटें।
बता दें कि आईएमए से जुड़े 3.30 लाख से ज्यादा डॉक्टर सदस्य हैं। देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल का असर दिखने लगा है, और मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वे तब तक हड़ताल पर रहेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए और मृत महिला डॉक्टर के परिवार को न्याय मिलना चाहिए।