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Union Minister Piyush Goyal Statement : केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा-उद्योग जगत सरकार पर निर्भर न रहे, दी यह सलाह…

by Anand Mishra
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मुंबई : केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को उद्योग जगत से एक साहसी कदम उठाने का आह्वान किया और कहा कि उन्हें सरकार से समर्थन की अपेक्षा छोड़कर प्रतिस्पर्धा में उत्कृष्ट बनने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वह आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।

समान संरक्षणवादी उपायों पर निर्भरता को लेकर सवाल

गोयल ने इस अवसर पर पूछा, “हम कब तक सब्सिडी, उच्च आयात शुल्क और संरक्षणवादी मानसिकता की बैसाखियों पर निर्भर रहेंगे?” उन्होंने उद्योग जगत से यह सवाल उठाया कि व्यापार में सफलता पाने के लिए कब तक सरकार पर निर्भर रहेंगे। उनका मानना था कि संरक्षणवाद और कमजोर सोच से बाहर निकलकर ही भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी पहचान बना सकता है।

प्रतिस्पर्धात्मकता के महत्व पर बल

गोयल ने कहा कि माइकल पोर्टर द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक लाभ पर किए गए कार्य को केवल व्यापार स्कूलों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। प्रतिस्पर्धात्मकता केवल सब्सिडी और संरक्षण से नहीं आती, बल्कि नवप्रवर्तन, विनिर्माण पद्धतियाँ, कौशल और दक्षताओं के उन्नयन से ही यह संभव है। उन्होंने यह भी कहा, “जब तक हम प्रतिस्पर्धी नहीं बनेंगे, 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को साकार नहीं कर पाएंगे और हम विकसित देश बनने का लक्ष्य भी हासिल नहीं कर सकेंगे।”

भारत की वैश्विक भूमिका और व्यापार का महत्व

गोयल ने यह भी कहा कि भारत को वैश्विक व्यापार में अपनी भूमिका बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि कुछ क्षेत्रों जैसे तेल, रक्षा और खाद्य में आयात पर निर्भरता बनी रहेगी। इन क्षेत्रों को छोड़कर, अन्य क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाना होगा।

पीयूष गोयल की बातें

कार्यक्रम में देर से पहुंचे गोयल ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि पिछले कुछ दिनों से उन्होंने आराम नहीं किया है और वह “अशांत वैश्विक स्थिति” का सामना कर रहे हैं। उन्होंने मजाकिया तरीके से कहा, “विभिन्न गतिविधियों के कारण मैं आधे मरे हुए महसूस कर रहा हूं।”

“मेक इन इंडिया” और गुणवत्ता पर ध्यान

मंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलें देश की मानसिकता को बदलने में मदद कर रही हैं। उन्होंने उद्योग जगत से अपील की कि वे गुणवत्ता मानकों को अपनाएं और छोटी कंपनियों की मदद करें, खासकर जैसे औषधि जैसे क्षेत्रों में जहां वैश्विक मंजूरी आवश्यक है। साथ ही, उन्होंने उद्योग से यह भी कहा कि उन्हें आदेशों को चुनौती देने के बजाय गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान देना चाहिए। पीयूष गोयल ने स्पष्ट रूप से यह कहा कि भारत अब वैश्विक व्यापार में अपनी बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है, और उद्योग जगत को भी इस दिशा में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।

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