सेंट्रल डेस्क। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आज द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। प्रस्तुत अनुपूरक बजट पर प्रतिपक्ष के पूर्व नेता रामगोविंद चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं। उनका कहना है कि वर्ष 2024-25 के मूल बजट में सरकार ने 736437.71 करोड़ आवंटित किया, लेकिन ज्यादातर विभागों में उस पैसे को खर्च नहीं किया गया। फिर भी सरकार द्वारा प्रथम पूरक बजट में 12209.92 करोड़ लिया गया। अभी 70 प्रतिशत विभाग अपने आवंटित धनराशि का आधा हिस्सा भी खर्च नहीं कर पाई है।
ऐसे में पुनः दूसरी बार अनुपूरक बजट में रु.178665.71 करोड़ लेना प्रदेश की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा हैं। इस वित्तीय वर्ष में अब मात्र 3 महीने बचे है। विभागों द्वारा आवंटित पैसा अब तक खर्च ही नहीं हुआ है और ऐसे में विभागों को दोबारा आवंटित किया बजट भी भी जाएगा और पुनः पूर्व के वर्षों की तरह वापस हो जाएगा।
बीजेपी सरकार का प्रदेश के विकास से कोई मतलब नहीं- चौधरी
रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि बीजेपी सरकार का प्रदेश के विकास से कोई मतलब नहीं। लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए यह सरकार भारी भरकम बजट प्रस्तुत करती हैं। इस सरकार में महंगाई बेरोजगारी अपने चरम पर हैं और सरकार सांप्रदायिक भावनाओं को उकसा कर प्रदेश में अराजकता का माहौल बनाने में व्यस्त हैं। किसान, युवा, व्यापारी सभी परेशान हैं।
बीजेपी सरकार पर साधा निशाना
आगे पूर्व नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध में सबसे ऊपर हैं और सरकार के मुखिया हिन्दू-मुसलमान में व्यस्त हैं। इस सरकार का एक ही फंडा हैं, जब जनता रोजगार, महंगाई, कानून व्यवस्था की बात उठाएं, तो सांप्रदायिक बात बोल कर उलझा देना, जो देश और समाज के हित में नहीं है। संविधान कमजोर करने वाली बीजेपी सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी सड़क से सदन तक निर्णायक विरोध करेगी।
बता दें कि इससे पहले यूपी सरकार ने 12,209.93 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया था। दोनों अनुपूरक बजटों को मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 का कुल बजट अब 7,66,513.36 करोड़ रुपये हो गया है। राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मंगलवार को मुख्यमंत्री की उपस्थिति में विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। इसे कल सदन की मंजूरी मिल जाएगी।
विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, खन्ना ने जोर देकर कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार प्रगति को प्राथमिकता देती है और विधानसभा के माध्यम से आवश्यकतानुसार पूरक बजट पेश करने का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने बताया कि बजट में नए प्रस्तावों के लिए 790.49 करोड़ रुपये और विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के लिए अनुमानित केंद्रीय हिस्से के रूप में 422.56 करोड़ रुपये शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, बजट में आकस्मिक निधि से पहले लिए गए 30.48 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान है।