गोरखपुर : उत्तर प्रदेश पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसमें भाजपा के मंडल मंत्री अजय कुमार तिवारी को किसी और के नाम जारी वारंट के आधार पर हिरासत में ले लिया गया। उन्हें थाने में लॉकअप में डाल दिया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। यह घटना थाने के सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो चुकी है।
क्या है पूरा मामला?
भाजपा नेता अजय तिवारी ने बताया कि 15 मई को वे किसी निजी कार्य से कैंपियरगंज थाने पहुंचे थे। वहां पर तैनात एसएसआई मनीष तिवारी ने उन्हें एक गैर-संबंधित वारंट दिखाकर हिरासत में ले लिया और उनका मोबाइल फोन छीनकर लॉकअप में डाल दिया।
जब अजय तिवारी ने विरोध किया और जांच की मांग की, तो उनके अनुसार उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया और दुर्व्यवहार किया गया। जांच के बाद पता चला कि वारंट किसी और व्यक्ति का था, जिसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
भाजपा नेता ने की कार्रवाई की मांग
घटना के बाद भाजपा नेता ने एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव को प्रार्थना पत्र सौंपा और एसएसआई मनीष तिवारी समेत अन्य संबंधित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि दो महीने पहले उन्होंने एसएसआई के खिलाफ अनैतिक कृत्य की शिकायत की थी, जिससे वह नाराज थे और बदले की भावना से यह कार्रवाई की गई।
मानसिक आघात और सामाजिक छवि को नुकसान पहुंचा
प्रार्थना पत्र में अजय तिवारी ने यह भी लिखा है कि इस घटना से उन्हें मानसिक आघात पहुंचा है और उनकी सामाजिक छवि को ठेस लगी है। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
सीसीटीवी फुटेज की जांच होगी: पुलिस अधीक्षक
एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा है कि थाने में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की जाएगी और रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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