Lucknow (Uttar Pradesh) : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस में शामिल होने जा रहे 60,244 नए कांस्टेबलों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की पीठ थपथपाई और कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और योग्यता के आधार पर संपन्न हुई है। अमित शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इस भर्ती में “बिना खर्ची, बिना पर्ची और बिना सिफारिश” के युवाओं को मौका मिला है। गृह मंत्री ने नए जवानों को बधाई देते हुए कहा कि वे सभी प्रदेश के हर जिले और हर सामाजिक वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह युवा देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित पुलिस बल का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
यूपी पुलिस में हुए सुधारों पर अमित शाह ने क्या कहा?
अमित शाह ने इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस में हुए बदलावों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2017 से योगी सरकार ने यूपी पुलिस में सुधारों की जो शुरुआत की थी, आज वह रंग ला रही है और यूपी पुलिस नई ऊंचाइयों को छू रही है। गृह मंत्री ने इसे प्रदेश को सुरक्षा और विकास के पथ पर आगे ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
भारत पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित: अमित शाह का दावा
अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में देश की सुरक्षा में हुए सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद, जो कभी एक बड़ी समस्या थी, अब सिमटकर केवल तीन जिलों तक ही रह गया है। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि 31 मार्च 2026 तक भारत पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा।
आतंकवाद के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया। इस ऑपरेशन में आतंकियों के ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि अब भारत की धरती पर किसी भी भारतीय का खून बहाने की इजाजत नहीं दी जाएगी और जो भी ऐसा करेगा, उसे कड़ी सजा भुगतनी होगी।
न्यायिक व्यवस्था में बड़े बदलाव का ऐलान
अमित शाह ने भविष्य में न्यायिक व्यवस्था में होने वाले बड़े बदलावों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आने वाले 5 वर्षों में देश में एक नई न्यायिक प्रणाली लागू की जाएगी। इस नई प्रणाली के तहत किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद 3 साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट तक अंतिम फैसला आ जाएगा, जिससे लोगों को जल्द न्याय मिल सकेगा।